नयी दिल्ली। स्वीडन की दूरसंचार उपकरण कंपनी एरिक्सन ने इस तर्क को खारिज किया कि कुछ कंपनियों को भारत में कारोबार करने से रोकने पर देश में 5 जी सेवा शुरू करने की लागत बढ़ जाएगी। चीन की दिग्गज कंपनी हुवावेई और कुछ उद्योग रपट में दावा किया गया है कि यदि हुवावेई को काम करने से रोका जाता है तो उस देश में 5 जी प्रौद्योगिकी को पेश करने की लागत बढ़ जाएगी क्योंकि बाकी बची कंपनियां कीमतें बढ़ा देंगी।
एरिक्सन के प्रमुख (दक्षिण पूर्वी एशिया, ओशिआनिया और भारत) नुंजियो मिर्तिल्लो ने कहा कि, 'हमने पिछले 12 महीनों में चार महाद्वीपों में 5 जी सेवा पेश की है और हम इन चारों जगहों पर सबसे आगे रहे हैं। ये चार महाद्वीप अमेरिका, यूरोप, एशिया और ऑस्ट्रेलिया हैं। कुछ महाद्वीपों पर हमने अकेले काम किया, और यह बेहतर काम कर रहा है। इसलिए, यह कहना सही नहीं है।'
उन्होंने यह भी कहा कि 5 जी नेटवर्क में डेटा की लागत 4 जी नेटवर्क की लागत के लगभग 10वें हिस्से के बराबर होगी। अमेरिका हुवावेई को विभिन्न देशों में दूरसंचार नेटवर्क शुरू करने से रोकने के लिए लॉबिंग कर रही है। उसने साइबर जासूसी के खतरे का अंदेशा जताया है। मिर्तिल्लो ने कहा कि यह फैसला किसी भी देश को करना है कि वे अपने 5 जी नेटवर्क को साइबर जासूसी से कैसे बचाना चाहते हैं।