नई दिल्ली। मोबाइल फोन बाजार में बिक्री कम होने से विभिन्न कंपनियों के बीच अपना उत्पाद बेचने की होड़ लगी है। ऐसे में महज बेसिक फोन बनाने वाली छोटी कंपनियां भारतीय बाजार से जल्द ही अपना बोरिया-विस्तर समेट लेंगी। बाजार विश्लेषकों ने गुरुवार को यह जानकारी दी। देश में इस वक्त 25 करोड़ से ज्यादा स्मार्टफोन प्रयोक्ता हैं और साल के खत्म होने तक इनकी संख्या 28 करोड़ होने का अनुमान है।
नई दिल्ली की काउंटर प्वाइंट रिसर्च के वरिष्ठ विश्लेषक (मोबाइल डिवाइस और इकोसिस्टम) तरुण पाठक ने बताया, “गलाकाट प्रतिस्पर्धा के बीच मुनाफे में गिरावट से हमारा अनुमान है कि 2017 में कुछ फोन कंपनियां बाजार से बाहर हो जाएंगी। हमारा अनुमान है कि बाजार से निकलने वाली कंपनियों की संख्या में बाजार में आने वाली नई कंपनियों की संख्या की तुलना में अधिक होगी।”
एंट्री लेवल की कंपनियों पर गिरेगी गाज
- बाजार से बोरिया-विस्तर समेटने वाली ज्यादातर कंपनियां एंट्री लेवल का मोबाइल फोन बनाने वाली कंपनियां होगी।
- इनमें क्षेत्रीय कंपनियां मुख्य तौर से होंगी, जो एक तरफ तो मुनाफा बना पाने में नाकाम होगी।
- दूसरी तरफ नए उत्पाद उतारने में भी समर्थ नहीं होगी।
काउंटरप्वाइंट रिसर्च के विश्लेषक कर्ण चौहान का कहना है, “10 हजार से 20 हजार रुपए के स्मार्टफोन का बाजार 2016 में तेजी से बढ़ा (86 फीसदी से अधिक) और उम्मीद है कि 2017 में भी यह तेजी से बढ़ेगा। साथ ही 10,000 रुपये से कम कीमत का स्मार्टफोन रखने वाले भी महंगे फोन खरीदेंगे।”
विशेषज्ञों का मानना है कि 2017 में महंगे फोन के साथ ही पुराने फोन को ठीक कर दोबारा बेचने का बाजार (रिफर्बिस) भी तेजी से बढ़ेगा।