नई दिल्ली। सार्वजनिक क्षेत्र की एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज लिमिटेड (ईईएसएल) ने उजाला (उन्नत ज्योति बाई एफोर्डेबल एलईडी बल्ब फॉर ऑल) कार्यक्रम के तहत 30 करोड़ से अधिक एलईडी बल्ब वितरित किए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनवरी 2015 में इस योजना की शुरुआत की थी। यह फिलहाल दुनिया का सबसे बड़ा एलईडी वितरण कार्यक्रम है।
बिजली मंत्रालय के अधीन आने वाली एनटीपीसी, पीएफसी, आरईसी और पावरग्रिड की संयुक्त उद्यम ईईएसएल ने एक बयान में कहा कि देश में 30 करोड़ एलईडी बल्ब के वितरण से सालाना 3895.2 करोड़ किलोवाट प्रति घंटा (केडब्ल्यूएच) बिजली की बचत हुई है। रुपए में देखा जाए तो कुल 15,581 करोड़ रुपए मूल्य की बिजली की बचत हुई है।
भारत ने 2005 और 2030 के बीच कार्बन उत्सर्जन में 33 से 35 प्रतिशत कटौती की प्रतिबद्धता जताई है। ऐसे में ऊर्जा दक्षता को एक प्रमुख रणनीति के तौर पर देखा जा रहा है। उजाला योजना ऊर्जा संरक्षण के लिहाज से सरकार का महत्वपूर्ण कार्यक्रम है और वैश्विक स्तर पर ऊर्जा बचत में इसकी भूमिका स्वीकार की गई है। इस कार्यक्रम के तहत घरों में कम बिजली खपत वाले एलईडी बल्ब लगाए जाते हैं।
ईईएसएल के प्रबंध निदेशक सौरभ कुमार ने कहा कि हमारे इस प्रयास से ऊर्जा संरक्षण के क्षेत्र में जो गति बनी है, उसे जारी रखने की उम्मीद करते हैं। साथ ही इससे भारतीय और वैश्विक ऊर्जा दक्षता बाजार मजबूत होगा। एलईडी बल्ब की खरीद और वितरण से एलईडी बाजार में भारत की हिस्सेदारी 0.1 प्रतिशत से बढ़कर 12 प्रतिशत पर पहुंच गई है। बयान के अनुसार उजाला योजना से देश में एलईडी का घरेलू उत्पादन सालाना 30 लाख बल्ब से बढ़कर 6 करोड़ से अधिक पहुंच गया है। साथ ही 60,000 रोजगार सृजित हुए हैं।