नई दिल्ली। सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीओएआई) का मानना है कि सरकार को देश में बिकने वाले मोबाइल हैंडसेटों की गुणवत्ता के नियंत्रण की उचित व्यवस्था बनानी चाहिए। सीओएआई ने कहा कि हैंडसेटों की गुणवत्ता भी डाटा सेवाओं और कॉल ड्रॉप की समस्या की एक वजह है।
कॉल ड्रॉप के लिए सिर्फ टेलीकॉम कंपनियां नहीं जिम्मेदार
इस मुद्दे पर शीघ्र नीतिगत हस्तक्षेप की जरूरत बताते हुए सीओएआई ने कहा कि अभी तक कॉल ड्रॉप और सेवाओं की गुणवत्ता के मुद्दे को सिर्फ ऑपरेटरों से जोड़ा गया है। इस मुद्दे में हैंडसेट की गुणवत्ता के मुद्दे पर पर्याप्त विचार नहीं किया गया है। सीओएआई ने दावा किया कि देश में बड़ी संख्या में बिना परीक्षण और बिना प्रमाणन वाले स्मार्टफोन की भरमार है। देश में 10,000 से अधिक स्मार्टफोन मॉडल बिक रहे हैं।
सीओएआई के महानिदेशक राजन एस मैथ्यू ने इस बारे में दूरसंचार आयोग के चेयरमैन को लिखे पत्र में कहा है कि ड्यूल सिम वाले एलटीई 4G मोबाइल उपकरणों में डाटा सेवाओं को लेकर दिक्कतों का जिक्र किया है। पत्र में कहा गया है कि 4जी एलटीई क्षमता वाले हैंडसेट में दूसरा सिम डालने पर मुख्य स्थान पर डाले गए 4जी सिम की क्षमता भी 40 प्रतिशत तक प्रभावित होती है।
इसमें विशेषरूप से मीडियाटेक द्वारा चिपसेट संबंधी क्रियान्वयन शामिल है। हालांकि, सरकार को एसोसिएशन के सुझाव व्यापक दृष्टि वाले हैं। इस पर मीडियाटेक के भारत में प्रतिनिधि ने कहा कि कंपनी को हाल में इस तरह की रिपोर्टें मिली हैं। हमारी शीर्ष प्राथमिकता इस मुद्दे को हल करने में है। सीओएआई ने सुझाव दिया है कि डाटा का प्रभावित करने वाले मोबाइल उपकरणों पर पूर्ण प्रतिबंध लगना चाहिए।