नई दिल्ली। पाकिस्तान में मोबाइल फोन की पहुंच औसत से भी कम है, इसके बावजूद यहां के दूर-दराज के इलाकों में सस्ते चीनी स्मार्टफोन की भरमार है। भारतीय वायु सेना के विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान के शुरुआती वीडियो और तस्वीरों को भी इन्हीं सस्ते चीनी स्मार्टफोन की मदद से दुनियाभर में पहुंचाया गया।
पाकिस्तान के स्मार्टफोन बाजार के 62 प्रतिशत हिस्से पर चीनी कंपनियों का कब्जा है। भारत में चीनी कंपनियों की बाजार हिस्सेदारी 55 प्रतिशत है। वैश्विक रिसर्च कंपनी काउंटरप्वाइंट रिसर्च के मुताबिक पाकिस्तान में समग्र मोबाइल परिदृश्य अभी भी निराशाजनक है और अधिकांश यूजर्स के पास धीमी इंटरनेट स्पीड पर बने रहने के अलावा कोई विकल्प नहीं है।
काउंटरप्वाइंट रिसर्च के एसोसिएट डायरेक्टर तरुण पाठक बताते हैं कि क्षेत्र के प्रतिद्वंद्वी देशों की तुलना में पाकिस्तान में मोबाइल इंटरनेट की पहुंच औसत से भी कम है। अधिकांश यूजर्स अभी भी बेसिक वॉइस या धीमे मोबाइल इंटरनेट स्पीड पर निर्भर हैं।
पाकिस्तान में 4जी नेटवर्क के मामले में वर्तमान में चाइना मोबाइल की मूल कंपनी जोंग सबसे बड़ा नेटवर्क का परिचालन करती है। सरकारी कंपनी पाकिस्तान दूरसंचार प्राधिकरण (पीटीए) के अलावा दूसरे दूरसंचार सेवा प्रदाताओं में टेनेनॉर, जैज व वारिड शामिल हैं।
तरुण पाठक ने बताया कि पाकिस्तान में 3जी व 4जी ग्राहक अभी भी 30 प्रतिशत हैं, इस वजह से तेज इंटरनेट अभी भी ऐसी सेवा नहीं है जिसका हर कोई इस्तेमाल कर सके। पाकिस्तान में दूरसंचार घनत्व 80 प्रतिशत से ज्यादा है, जबकि पाकिस्तान में दूरसंचार उद्योग की वृद्धि वॉइस आधारित श्रेणी में स्थिर है।
पाकिस्तान में बिकने वाले आधे से अधिक स्मार्टफोन की कीमत 100 डॉलर (करीब 7000 रुपए भारती मुद्रा में) से कम है। यहां सैमसंग, हुवोव, ओप्पो व क्यूमोबाइल (करांची स्थित कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक कंपनी) प्रमुख स्मार्टफोन कंपनियां हैं।
काउंटरप्वाइंट 2018 ट्रैकर के अनुसार सैमसंग ने 2018 में 22 प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी के साथ पहले स्थान पर है। इसके बाद हुवावे 19 प्रतिशत के साथ दूसरे, ओप्पो 17 प्रतिशत के साथी तीसरे और क्यूमोबाइल 15 प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी के साथ चौथे स्थान पर है। इसके अलावा मोटोरोला, नोकिया, एप्पल व एलजी कंपनियों के भी मोबाइल फोन यहां बिकते हैं।