नई दिल्ली। देश की सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी भारती एयरटेल (Bharti Airtel) और टेलिनॉर इंडिया (Telenor India) के मर्जर को शेयर बाजार रेग्युलेटर भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI), बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज(BSE) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज(NSE) की अनुमति मिल गई है। इसके लिए टेलिनॉर को अपनी भारतीय इकाई का सारी सम्पत्ति और सारे ग्राहक ट्रांसफर करने होंगे। एयरटेल ने बताया कि इसके लिए उसने नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल में जॉइंट कंपनी ऐप्लिकेशन फाइल कर दिया है।
एयरटेल इन 7 सर्किल में होगी मजबूत
इस मर्जर के बाद एयरटेल को 43.4 MHZ का अतिरिक्त स्पेक्ट्रम मिलने से वह सात महत्वपूर्ण सर्कल में खुद को मजबूत कर सकेगी। टेलिनॉर की भारतीय यूनिट देश के सात अहम सर्कल्स आंध्र प्रदेश, बिहार और झारखंड, गुजरात, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश (ईस्ट), उत्तर प्रदेश (वेस्ट) और असम में अपनी सेवाएं देती है, यह सर्कल अब एयरटेल का हिस्सा होंगे।होगा।यह भी पढ़े: 4G डाउनलोड स्पीड में मार्च में भी RJio रहा सबसे आगे, आइडिया दूसरे और एयरटेल तीसरे स्थान पर
इसी साल दोनों कंपनियों ने संयुक्त बयान जारी करते हुए कहा था, इस अधिग्रहण से कोई नुकसान नहीं होना है। 2016 की चौथी तिमाही में टेलिनॉर की कुल वैल्यू NOK 0.3 बिलियन थी। अग्रीमेंट के अनुसार एयरटेल टेलिनॉर की स्पैक्ट्रम पेमेंट और दूसरे कॉन्ट्रैक्ट्स का अपने हाथ मे ले लेगा।यह भी पढ़े: BSNL ने लॉन्च किया एक और बड़ा धमाकेदार ऑफर, ग्राहकों को मिलेगा रोजाना 10 GB इंटरनेट डाटा
जियो ने बढ़ाई टेलीकॉम कंपनियों की चिंता
रिलायंस जियो की ओर से फ्री वॉइस कॉलिंग और डेटा सर्विसेज के बाद से मार्केट में उथल-पुथल की स्थिति है और इससे देश की सबसे बड़ी टेलिकॉम कंपनी एयरटेल को भी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स का कहना है कि टेलिनॉर का अधग्रहण करने से एयरटेल को अतिरिक्त 1800 Mhz बैंड में 4जी स्पेक्ट्रम मिल सकेगा।