नई दिल्ली। देश की प्रमुश टेलीकॉम सेवा प्रदाता कंपनी भारती एयरटेल (Bharti Airtel) के चेयरमैन सुनील भारती मित्तल ने गुरुवार को संकेत दिए हैं कि जल्द ही देश में टेलीकॉम टैरिफ में वृद्धि हो सकती है। मित्तल ने कहा कि टेलीकॉम सेक्टर जबरदस्त दबाव में है और ऐसे में टेलीकॉम टैरिफ बढ़ाने की बहुत अधिक आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि टैरिफ में वृद्धि के मामले में एयरटेल को कोई झिझक नहीं होगी। उन्होंने साथ में यह भी कहा कि यह कदम एकतरफा नहीं होगा। मित्तल का यह बयान ऐसे समय आया है जब एयरटेल की प्रतिस्पर्धी कंपनी वोडाफोन आइडिया ने सरकार से स्पेक्ट्रम खरीद की 8200 करोड़ रुपये से अधिक की किश्त को चुकाने के लिए एक साल की मोहलत मांगी है।
सुनील भारती मित्तल ने कहा कि उम्मीद है कि सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि कम से कम तीन ऑपरेटर बाजार में बने रहें और भारत का डिजिटल क्षेत्र का सपना पूरा हो। मित्तल ने स्वीकार किया कि दूरसंचार शुल्कों को बढ़ाने की जरूरत है और एयरटेल इस संबंध में झिझक नहीं पालेगा। भारती एयरटेल के अध्यक्ष मित्तल ने कहा कि यह कहना कि दूरसंचार उद्योग थोड़ी परेशानी में है, वास्तव में यह यथास्थिति को कमतर बताया जाना है। यह बहुत अधिक दबाव में है। मुझे उम्मीद है कि सरकार, अधिकारी और दूरसंचार विभाग इस मुद्दे पर ध्यान देंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि दूरसंचार क्षेत्र में कम से कम तीन परिचालक बने रहेंगे और उनके माध्यम से भारत का डिजिटल सपना पूरा हो सके।
मित्तल ने कहा कि भारती एयरटेल ने शेयर पूंजी और बांड के माध्यम से समय पर और पर्याप्त रूप से धन जुटाया है और कहा कि कंपनी आने वाले वर्षों में बाजार की सेवा करने के लिए मजबूती से खड़ी है। उन्होंने कहा कि दूरसंचार उद्योग को 5-जी सेवाओं को शुरू करने और भारत के डिजिटल सपने को पूरा करने के लिए स्वस्थ बने रहने की जरूरत है। यह पूछे जाने पर कि क्या कंपनी दरें बढ़ाने के बारे में विचार करेगी, मित्तल ने कहा कि हम इसे करने में संकोच नहीं करेंगे, लेकिन यह एकतरफा नहीं किया जा सकता है।
Jio के आने से पहले सबकुछ था अच्छा
मित्तल ने कहा कि जियो के बाजार में आने से पहले हमारा एआरपीयू (एवरेज रेवेन्यू पर यूजर) 220-230 रुपये था। आज उद्योग का एआरपीयू 130-140 रुपये है। यह छह साल पहले की तुलना में बहुत कम है। लोग आज एक माह में 15जीबी डाटा का उपभोग कर रहे हैं, जो पूर्व की तुलना में बहुत अधिक है। इसलिए उन्हें इसके लिए कुछ देना होगा, यह स्थिति उद्योग के लिए टिकाऊ नहीं है, जहां आज हम हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि इसका मतलब यह नहीं है कि सभी के लिए टैरिफ में बहुत अधिक वृद्धि की जाएगी, निम्न-आय यूजर्स को 75-100 रुपये का ही भुगतान करना होगा। उन्होंने कहा कि यह कम आय वालों के लिए बहुत अधिक महंगा नहीं होगा। लेकिन मध्यम और उच्च आय वाले ग्राहकों को, जो अभी 250-300 रुपये का भुगतान कर रहे हैं, 350-450 रुपये मासिक का भुगतान करना होगा।
वोडाफोन आइडिया ने भी दरें बढ़ाने का दिया सुझाव
कंपनी ने 25 जून को दूरसंचार सचिव को भेजे पत्र में कहा कि कंपनी अपनी नकदी का उपयोग समायोजित सकल राजस्व राशि के बकाये के भुगतान में कर रही है। जिसके कारण वह 9 अप्रैल, 2022 को दी जाने वाली 8,292 करोड़ रुपये की स्पेक्ट्रम किश्त के भुगतान में असमर्थ है। कंपनी ने दूरसंचार विभाग से अनुरोध किया है कि वह इस किश्त का भुगतान अप्रैल 2022 के बजाये अप्रैल 2023 में करने के लिए इसे एक और साल की मोहलत दें। कंपनी ने कहा है कि वह किश्त का भुगतान करने में असमर्थ है।
वोडाफोन आईडिया ने कहा कि वह पिछले छह महीने से पूंजी जुटाने की दिशा में काम कर रही है। लेकिन कोई निवेश करने को तैयार नहीं हैं। उनका मानना है कि जब तक सेवाओं की दरें नहीं बढ़ाई जाती तब तक इस उद्योग का स्वास्थ्य नहीं सुधरेगा।
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