नई दिल्ली। गूगल, फेसबुक और माइक्रोसॉफ्ट जैसी दिग्गज कंपनियों ने लोगों को इंटरनेट कनेक्टिविटी उपलब्ध कराने के लिए विभिन्न तरीकों पर काम किया है। इनमें सबसे खास Project Loon, Aquila और White Space हैं। अब तक Apple इस क्षेत्र में नहीं थी लेकिन इसने भी अब शुरुआत कर दी है।
कंपनी सैटेलाइट-आधारित इंटरनेट सेवाओं में निवेश करने जा रही है। दूरसंचार सलाहकार टिम फरार ने दावा किया था कि Apple लो-ऑर्बिट सैटेलाइट के माध्यम से इंटरनेट उपलब्ध के लिए बोइंग के साथ काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि Apple अकेली ऐसी कंपनी नहीं है जो कि सैटेलाइट आधारित इंटरनेट डिलीवरी सर्विस पर काम कर रही है।
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Apple ने नियुक्त किए विशेषज्ञ कर्मचारी
ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट की मानें तो Apple ने अल्फाबेट के जॉन फेनविक को नियुक्त किया है जो गूगल के स्पेसक्राफ्ट ऑपरेटरों की अगुवाई कर रहे थे। इसके अलावा एप्पल ने माइकल ट्रेला को भी अप्वाइंट किया है जो सैटेलाइट इंजीनियरिंग के प्रमुख थे। ट्रेला उस नई टीम में शामिल होंगे जो कि ड्रॉपकॉम के सह-संस्थापक ग्रेग डफी के नेतृत्व में है। आपको बता दें कि डफी पूर्व गूगल कर्मचारी हैं।
रिपोर्ट में विस्तार से इस बात की जानकारी नहीं दी गई है कि Apple की यह नई टीम कैसे काम करेगी, लेकिन लोगों की प्रोफाइल से अंदाजा लगाया जा सकता है कि कंपनी किस दिशा में आगे बढ़ रही है। उल्लेखनीय है कि फेनविक 2014 में गूगल द्वारा हासिल की गई एक सैटेलाइट कंपनी SkyBox इमेजिंग के संस्थापकों में से एक थे। प्लैनेट लैब्स कंपनी ने इस साल फरवरी में SkyBox का अधिग्रहण किया।
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ये हैं गूगल, माइक्रोसॉफ्ट और फेसबुक के इंटरनेट प्रोजेक्ट्स
एप्पल के पास इस तरह की तकनीकों पर कार्य करने का कोई न तो कोई इतिहास है और न ही अनुभव। जबकि गूगल, माइक्रोसॉफ्ट और फेसबुक जैसे प्रतिद्वंद्वियों ने आने वाले भविष्य में उपयोगकर्ताओं के लिए अपनी इंटरनेट डिलीवरी सर्विस उपलब्ध कराने के एक उन्नत चरण प्राप्त कर लिया है।
फेसबुक की Aquila एक ड्रोन आधारित इंटरनेट डिलीवरी सर्विस है, जबकि गूगल प्रोजक्ट लून पर कार्य कर रही है। जिसमें गुब्बारे की माध्यम से इंटरनेट मुहैया कराया जाएगा। गूगल ने कुछ बाजारों में इस सर्विस का परीक्षण भी शुरू कर दिया है। फेसबुक एक और सर्विस एक्सप्रेस वाईफाई प्रोजक्ट पर भी कार्य कर रही है। जबकि गूगल के पास एक बड़ा फाइबर नेट प्लान है। दूसरी ओर, माइक्रोसॉफ्ट भी White Space टेक्नोलॉजी पर कार्य कर रहा है जिसका उद्देयस अप्रयुक्त UHF और VHF स्पेक्ट्रम का उपयोग करना है।