ऑनलाइन फूड ऑर्डर लेने वाली कंपनी जोमैटो ने सोमवार को कहा कि वह देश के कानूनों का अनुपालन करती है, जबकि स्विगी का कहना है कि वह स्थानीय नियमों का अनुपालन करने को प्रतिबद्ध है। दोनों ही कंपनियां प्रतिस्पर्धा रोधी गतिविधियों के लिए सीसीआई की जांच का सामना कर रही हैं। भाषा की खबर के मुताबिक, भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) की जांच पर दोनों कंपनियों ने उन खबरों को भ्रामक करार दिया जिसमें जोमैटो और स्विगी द्वारा कुछ रेस्टोरेंट भागीदारों को कथित तरजीह देने की बात कही गई है।
अभी तक आखिरी आदेश पारित नहीं
खबर के मुताबिक, स्विगी और जोमैटो ने कहा कि सीसीआई ने अनुचित व्यापार प्रथाओं के मामले पर अभी तक अपना आखिरी आदेश पारित नहीं किया है। जोमैटो ने बताया, सीसीआई ने 4 अप्रैल 2022 को एक प्रथम दृष्टया आदेश जारी किया था, जिसमें आयोग के महानिदेशक के कार्यालय को प्रतिस्पर्धा अधिनियम, 2002 के तहत संभावित उल्लंघनों की जांच करने का निर्देश दिया गया। कंपनी ने कहा, 5 अप्रैल 2022 की सूचना के बाद से आयोग ने गुण-दोष के आधार पर कोई आदेश पारित नहीं किया है।
जांच में पूरा सहयोग कर रही
जोमैटो ने कहा कि इस हिसाब से उपर्युक्त खबर भ्रामक है। हम आयोग के साथ मिलकर काम करना जारी रखेंगे ताकि यह स्पष्ट किया जा सके कि हमारी सभी प्रथाएं प्रतिस्पर्धा अधिनियम के मुताबिक हैं और उनका भारत में प्रतिस्पर्धा पर कोई विपरीत असर नहीं पड़ता है। स्विगी ने बयान में कहा कि उसके खिलाफ सीसीआई की जांच से जुड़ी खबर जांच प्रक्रिया और आखिरी नतीजे को भ्रमित करती हैं। स्विगी ने कहा कि वह जांच में पूरा सहयोग कर रही है और देश के मौजूदा कानूनों का पालन करने के लिए प्रतिबद्ध है।
अनुचित व्यापारिक प्रथाओं में लिप्त
सूत्रों के मुताबिक, सीसीआई की जांच में पाया गया कि दोनों कंपनियां अनुचित व्यापारिक प्रथाओं में लिप्त हैं जिसमें कुछ भागीदार रेस्टोरेंट को कथित रूप से तरजीह देना भी शामिल है। सीसीआई ने अप्रैल 2022 में विस्तृत जांच का आदेश दिया था और जांच रिपोर्ट इस साल की शुरुआत में नियामक को सौंप दी गई थी। मानदंडों के तहत सीसीआई महानिदेशक की रिपोर्ट संबंधित पक्षों के साथ साझा की गई है और बाद में, उन्हें नियामक द्वारा सुनवाई के लिए बुलाया जाएगा। नेशनल रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एनआरएआई) की शिकायत के बाद दोनों कंपनियों के खिलाफ जांच शुरू करने का निर्णय लिया गया था।