देश में फूड डिलीवरी का कारोबार तेजी से फलफूल रहा है। लोग अपने घर या ऑफिस में चैन से बढ़कर खाने के लिए ऑनलाइन एप्स का इस्तेमाल कर रहे हैं। देश में फूड डिलीवरी से जुड़ी दो कंपनियां जोमैटो और स्विगी हैं जिनका लगभग 90 प्रतिशत फूड डिलीवरी कारोबार पर कब्जा है। ये कंपनियां ग्राहकों को डिस्काउंट ऑफर करती है। लेकिन अब रेस्टोरेंट इन कंपनियों पर लूटने का आरोप लगा रहे हैं।
क्या है मामला
भारतीय राष्ट्रीय रेस्तरां संघ (एनआरएआई) ने अपने सदस्यों को जोमैटो पे, स्विगी डिनर की तरफ से दिए जाने वाले ‘छूट कार्यक्रम’ के खिलाफ एक परामर्श जारी किया है। एनआरएआई ने कहा है कि इस तरह के छूट कार्यक्रमों की पेशकश रेस्तरां मालिकों के हितों के खिलाफ है। परामर्श में आरोप लगाया गया है कि जोमैटो और स्विगी ‘बिचौलिये’ के रूप में रेस्तरां के बिल पर पैसा कमा रहे हैं। जोमैटो पे और स्विगी डिनर अपने छूट कार्यक्रमों से जुड़ने पर अनिवार्य रूप से छूट की पेशकश करते हैं और हर बिल पर रेस्तरां से कमीशन शुल्क भी देते हैं।
15 से 40 प्रतिशत तक डिस्काउंट
एनआरएआई ने अपने सदस्यों को लिखा, ‘‘जोमैटो पे और स्विगी डिनर दोनों मोटे तौर पर एक ही तरह से काम करते हैं और इस कार्यक्रम से जुड़ने वाले ग्राहकों से शुल्क नहीं लेते हैं, जबकि रेस्तरां को कार्यक्रम का हिस्सा बनने के लिए अनिवार्य रूप से 15 से 40 प्रतिशत की छूट देनी होती है।’’
हर लेनदेन पर 4 से 12 प्रतिशत कमीशन
संघ ने कहा, ‘‘रेस्तरां को अनिवार्य रूप से जोमैटो या स्विगी से संबंधित भुगतान मंच के जरिये किये गए हर लेनदेन पर चार से 12 प्रतिशत की सीमा में कमीशन का भुगतान करना होता है जबकि प्रतिस्पर्धी भुगतान मंच एक से डेढ़ प्रतिशत का कमीशन लेते हैं।’’ एनआरएआई ने कहा, ‘‘यहां मूल प्रश्न यह है कि एक रेस्तरां को अपने ही ग्राहक को छूट देने के लिए एक बिचौलिए को कमीशन क्यों देना चाहिए?’’ एनआरआईए की तरफ से उठाये गए मामले पर जोमैटो के प्रवक्ता ने टिप्पणी नहीं की लेकिन कहा, ‘‘नयी डाइनिंग पेशकश के साथ हैदराबाद में कुछ हफ्तों में शानदार परिणाम मिले है। हमें विश्वास है कि हम उद्योग के लिए जबर्दस्त मूल्य और वृद्धि पैदा करेंगे।’’