भारत-म्यांमार-थाईलैंड से होकर गुजरने वाली महत्वाकांक्षी राजमार्ग परियोजना का 70 प्रतिशत काम पूरा हो गया है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने यह जानकारी दी। भारत, म्यांमार और थाईलैंड लगभग 1,400 किलोमीटर लंबे राजमार्ग पर काम कर रहे हैं, जिसके पूरा होने से दक्षिण पूर्व एशिया से जुड़े देशों के बीच व्यापार, स्वास्थ्य, शिक्षा और पर्यटन को बढ़ावा देगा। यानी जल्द ही आप अपनी कार या बाइक से सड़क मार्ग से म्यांमार-थाईलैंड की रोमांचकारी यात्रा का आनंद उठा पाएंगे।
परियोजना का लगभग 70 प्रतिशत काम पूरा हुआ
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री ने परियोजना की प्रगति के बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में बताया, ''परियोजना का लगभग 70 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है।'' यह राजमार्ग मणिपुर में मोरेह को म्यांमार के रास्ते थाईलैंड के माई सोत से जोड़ेगा। उन्होंने इस राजमार्ग के चालू होने की समयसीमा के संबंध में विवरण नहीं दिया। इस रणनीतिक राजमार्ग परियोजना में देरी हुई है। सरकार का लक्ष्य पहले इसे दिसंबर 2019 तक चालू करने का था।
देश में सड़क नेटवर्क 59 प्रतिशत बढ़ा
पिछले नौ वर्षों में किए गए मोदी सरकार के विकास कार्यों के तहत भारत का सड़क नेटवर्क 59 प्रतिशत बढ़कर दुनिया में अमेरिका के बाद दूसरे स्थान पर पहुंच गया है। गडकरी ने कहा कि आज के समय में देश का सड़क नेटवर्क करीब 1,45,240 किलोमीटर है जबकि वित्त वर्ष 2013-14 में यह सिर्फ 91,287 किलोमीटर ही था। इस तरह देश के सड़क नेटवर्क में पिछले नौ वर्षों के दौरान 59 प्रतिशत की उच्च वृद्धि हुई है। इस दौरान सड़क निर्माण के क्षेत्र में भारत ने सात विश्व रिकॉर्ड भी कायम किए। गडकरी ने कहा कि बीते नौ वर्षों में टोल से मिलने वाला राजस्व भी 4,770 करोड़ रुपये से बढ़कर 41,342 करोड़ रुपये हो चुका है। उन्होंने कहा कि सरकार का इरादा टोल राजस्व को वर्ष 2030 तक 1.30 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचाने का है। उन्होंने कहा कि टोल संग्रह के लिए फास्टैग प्रणाली का इस्तेमाल किए जाने से टोल प्लाजा पर वाहनों के इंतजार करने का समय घटकर 47 सेकंड रह गया है। उन्होंने कहा कि सरकार इस समय को 30 सेकंड के भीतर लाने के लिए कुछ और कदम उठा रही है।