योगी सरकार के नेतृत्व में इस साल यूपी में कई सारे विकास कार्य हुए हैं। इसी कड़ी में सरकार का उद्देश्य विदेशों से यूपी में निवेश जुटाना है, जिसमें इस बार उसे बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। अलग-अलग देशों से 77 हजार करोड़े से अधिक के निवेश के प्रस्ताव मिले हैं।
इन देशों से मिले प्रस्ताव
उत्तर प्रदेश के औद्योगिक विकास मंत्री नंदगोपाल गुप्ता ने कहा है कि प्रस्तावित वैश्विक निवेशक सम्मेलन से पहले राज्य को जर्मनी, बेल्जियम और स्वीडन से 77,140 करोड़ रुपये मूल्य के निवेश प्रस्ताव मिले हैं। गुप्ता हाल ही में लोक निर्माण विभाग मंत्री जितिन प्रसाद, अतिरिक्त मुख्य सचिव नवनीत सहगल, सीमा-शुल्क आयुक्त सेंथिल पांडियान सी और एमएसएमई सचिव प्रांजल यादव के साथ इन देशों के नौ दिवसीय दौरे पर गए थे। इस दौरान उन्होंने विदेशी निवेशकों एवं वहां के अधिकारियों से मुलाकात की थी।
फरवरी 2023 के लिए हो रही तैयारी
उत्तर प्रदेश ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (जीआईएस-23) 10-12 फरवरी 2023 को लखनऊ में आयोजित होने वाला है। बयान के मुताबिक, विदेश दौरे से लौटने के बाद गुप्ता ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की और उन्हें इन प्रमुख यूरोपीय देशों से मिले निवेश प्रस्तावों की जानकारी जानकारी दी। गुप्ता ने मुख्यमंत्री को सूचित किया कि तीन देशों के दौरे में कुल 77,140 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव मिले हैं। ये प्रस्ताव रक्षा, फिल्म, चिकित्सा उपकरण, कचरा प्रबंधन और कपड़ा जैसे विभिन्न क्षेत्रों से संबंधित हैं।
सरकार की कोशिश 10 लाख करोड़ के निवेश को जुटाना है
यूपीजीआईएस-23 को लेकर विश्व के अधिकांश बड़े देशों की ओर से सकारात्मक फीडबैक मिल रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस इन्वेस्टर्स समिट से राज्य सरकार को 10 लाख करोड़ रुपये से अधिक का निवेश मिलने की उम्मीद है। जेवर एयरपोर्ट आने से निवेशकों का रुझान और बढ़ गया है। ऐसे में आने वाले समय में दुनिया की कई बड़ी कंपनियां उत्तर प्रदेश की ओर रुख करेंगी और करोड़ों का निवेश करेंगी। राज्य में बड़ा निवेश आने से लाखों की संख्या में नई नौकरियां पैदा होंगी। ऐसे में आने वाले समय में यूपी देशभर के युवाओं के बड़े मौके देने वाला राज्य बनेगा। इससे यूपी को 1 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने में मदद मिलेगी।