2024 में सोने और चांदी में जबरदस्त तेजी रही। चांदी की कीमत 1 लाख रुपये प्रति किलोग्राम के पार कर गया। वहीं, सोना भी 80 हजार रुपये प्रति 10 ग्राम के पार निकल गया। हालांकि, बाद में दोनों कीमती धातु में बिकवाली आने से कीमत कम हुई। इसके बावजूद सोने और चांदी में निवेश करने वाले निवेशकों को बंपर मुनाफा हुआ। गोल्ड ईटीएफ ने इस साल औसत 20% का रिटर्न दिया। वहीं, सिल्वर ईटीएफ ने 19.66% का औसत रिटर्न दिया है। इस तरह दोनों ने सामान रिटर्न दिया। दोनों श्रेणियों में लगभग 31 फंड थे। अब सवाल उठता है कि 2025 में निवेश के लिए किस पर दांव लगाना सही होगा। आइए जानते हैं।
एचडीएफसी गोल्ड ईटीएफ का सबसे बेहतर प्रदर्शन
गोल्ड ईटीएफ में सबसे बेहतर प्रदर्शन करने वाले एचडीएफसी गोल्ड ईटीएफ ने 2024 में करीब 20.30% का रिटर्न दिया है। इसी अवधि में इनवेस्को इंडिया गोल्ड ईटीएफ ने 20.29% का रिटर्न दिया। इसी समयावधि में एसबीआई गोल्ड ईटीएफ ने 19.94% का रिटर्न दिया। एक्सिस गोल्ड ईटीएफ ने 2024 में सबसे कम करीब 19.66% का रिटर्न दिया। बाजार में मौजूद 17 सिल्वर ईटीएफ में से, एचडीएफसी सिल्वर ईटीएफ ने 2024 में सबसे ज़्यादा 22.02% रिटर्न दिया। निप्पॉन इंडिया सिल्वर ईटीएफ ने इसी अवधि में 20.33% रिटर्न दिया। यूटीआई सिल्वर ईटीएफ ने 2024 में सबसे कम 18.46% रिटर्न दिया।
2025 को लेकर क्या है अनुमान?
विशेषज्ञों के अनुसार, एक एसेट क्लास के रूप में सोने का बाजार के डर से गहरा संबंध है। इसके चलते ही दुनिया भर के केंद्रीय बैंक सोने के भंडार जमा कर रहे हैं, जिससे सोने की कीमतें बढ़ रही हैं। दूसरी ओर, मांग में तेज वृद्धि के कारण चांदी की कीमतों में उल्लेखनीय उतार-चढ़ाव देखा गया है। हालांकि, सर्राफा बाजार के जानकार सोने को प्राथमिकता देने की बात करते हैं। उनका मानना है कि सोने में इस साल भी तेजी देखने को मिलेगी। हालांकि, वह 2024 जैसी नहीं होगी। चांदी को लेकर अनुमान लगाना मुश्किल है क्योंकि इसकी कीमत इंडस्ट्रियल डिमांड पर निर्भर करता है। इसलिए गोल्ड ईटीएफ एक बेहतर दांव हो सकता है।
पोर्टफोलियो का 10% हिस्सा ही निवेश करें
विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि गोल्ड ईटीएफ और सिल्वर ईटीएफ के बीच चयन करते समय, निवेशकों को अलग-अलग अवधि में प्रत्येक एसेट क्लास पर विचार करना चाहिए। विशेषज्ञ का मानना है कि अगर निवेशक कमोडिटी में निवेश करना चाहते हैं और इक्विटी पर सकारात्मक नजरिया बनाए रखना चाहते हैं तो उन्हें अपने पोर्टफोलियो का केवल 10% हिस्सा सोने में लगाना चाहिए। गोल्ड और सिल्वर फंड का इस्तेमाल पोर्टफोलियो डायवर्सिफिकेशन के लिए किया जाता है। अगर आपका पोर्टफोलियो बड़ा है, तो आप कुल पोर्टफोलियो का एक छोटा प्रतिशत (करीब 10%) सोने और/या चांदी में निवेश करने के लिए निर्धारित कर सकते हैं। अगर आप अभी शुरुआत कर रहे हैं या आपका पोर्टफोलियो छोटा है, तो आप इसे छोड़ सकते हैं। निवेशकों को याद रखना चाहिए कि ये फंड लगातार साल दर साल उच्च रिटर्न नहीं देंगे। इनका उद्देश्य डायवर्सिफिकेशन प्रदान करना और पोर्टफोलियो में स्थिरता जोड़ना है।