Year Ender 2022: 2022 के साल को आर्थिक जगत में झंझावातों का साल कहें तो गलत नहीं होगा। 2020 और 2021 के साल तो कोरोना महामारी पर कुर्बान हो गए। 2022 में लोगों को उम्मीद थी कि पूरी तरह से टूट चुकी वैश्विक अर्थव्यवस्थाएं एक बार फिर पटरी पर आ जाएंगी। लेकिन फरवरी बीतते बीतते इन उम्मीदों के महल पर पुतिन ने बम फोड़ दिया। 24 फरवरी को यूक्रेन पर रूस ने हमला क्या किया, पूरी दुनिया सहम गई। अर्थव्यवस्था को ईंधन देने वाले कच्चे तेल से लेकर पेट की भूख शांत करने वाले गेहूं तक, पूरी दुनिया को किल्लत और महंगाई ने अपने आगोश में ले लिया। पाकिस्तान, श्रीलंका से लेकर ब्रिटेन और अमेरिका तक अर्थव्यवस्थाओं की चूलें हिल गई।
दुनिया में जब इतना कुछ घट रहा था, तो इस असर भारत पर पड़ना तो लाजमी ही था। 2022 का साल भारत के लिए भी कई चुनौतियों का साल रहा। कच्चे तेल की महंगाई ने भारत में सब कुछ महंगा कर दिया। यह महंगाई की यह आंच आरबीआई तक भी पहुंची, जिसके चलते बीते 2 साल से शांत पड़ी रहीं ब्याज दरें फिर उफान भरने लगीं। वहीं इस साल लोगों ने ट्विटर की उठापटक, देशी स्टार्टअप की चमक फीकी पड़ना और दुनिया भर में क्रिप्टोकरेंसी का धूल में मिलना भी देखा। इन मुश्किलों के बीच कई अच्छी खबरों ने भी जगह बनाई। गौतम अडानी इस साल लंबी छलांग मारते हुए दुनिया के दूसरे सबसे अमीर शख्स बने। वहीं साल का अंत आते—आते भारतीय युवाओं को 5G का तोहफा मिला। आइए इंडिया टीवी की नजर से 2022 में बिजनेस जगत की ऐसी ही बड़ी खबरों पर नजर डालते हैं।
यूक्रेन युद्ध
खबरों के लिहाज से देखा जाए तो 24 फरवरी 2022 को शुरू हुआ यूक्रेन युद्ध एक अंतरराष्ट्रीय घटना थी, लेकिन इस एक घटना ने दुनिया भर की अर्थव्यवस्थाओं की चूलें हिला दीं। यूक्रेन की धरती से उठी इस चिंगारी की चमक सुदूर एशिया और अफ्रीका में भी लोगों की आंखें चुंधिया गई। युद्ध शुरू होने के कुछ ही घंटों के भीतर कच्चा तेल उफान मारने लगा। रूस दुनिया के सबसे बड़े तेल और गैस उत्पादकों में से एक है। अप्रैल आते आते कच्चे तेल ने 80 से 140 डॉलर प्रति बैरल का सफर तय कर लिया। वहीं यूरोप सहित दुनिया भर में गैस का संकट भी बढ़ गया। रूस युद्ध का प्रत्यक्ष असर गेहूं पर भी पड़ा। यूक्रेन और रूस में दुनिया भर का 25 प्रतिशत गेहूं पैदा होता है। ऐसे में यह युद्ध अभी भी देशों की जेब और लोगों के पेट पर असर डाल रहा है।
RBI ने 2 साल बाद बढ़ाई ब्याज दरें
यूक्रेन युद्ध और अन्य कारणों के चलते अप्रैल आते आते देश में महंगाई की आग भड़क चुकी थी। हालात इतने पेचीदा थे कि इस साल मई में एक इमर्जेंसी बैठक आहूत करते हुए रिजर्व बैंक ने 2020 के बाद पहली बार ब्याज दरों में बढ़ोत्तरी का ऐलान कर दिया। इस बढ़ोत्तरी के ऐलान के साथ ही देश में सस्ते लोन का दौर भी खत्म हो गया। मई में शुरू आ ये क्रम दिसंबर तक जारी है। बीते 5 बार में रिजर्व बैंक ब्याज दरों में 2.25 फीसदी की बढ़ोत्तरी हो चुकी है।
Twitter डील
इस साल की बड़ी कारोबारी घटनाओं में ट्विटर की डील भी रही। टेस्ला और स्पेसएक्स जैसे सफल बिजनेस खड़े कर चुके दुनिया के सबसे अमीर शख्स एलन मस्क ने अप्रैल में अचानक ट्विटर को खरीदने की घोषणा कर सभी को चौंका दिया था। करीब 6 से 7 महीने तक कभी हां कभी ना के बाद 27 अक्टूबर को मस्क ने ट्विटर डील पूरी करने का ऐलान कर दिया। इसके बाद से बीते डेढ़ महीने ट्विटर और इसके यूजर्स के लिए काफी उठा पटक भरे रहे। यह सिलसिला अभी भी जारी है।
LIC IPO ने निवेशकों को चकराया
शेयर बाजार भारतीय लोगों के लिए हमेशा से उत्सुक्ता का विषय रहा है। लोग हमेशा आईपीओ में पैसा लगाने के लिए उत्साहित होते हैं। लेकिन 2022 का साल काफी खास था। क्योंकि इस साल देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी एलआईसी का आईपीओ आया। इस आइपीओ को लेकर लोगों में अभूतपूर्व उत्साह दिखाया। इसका लिस्टिंग प्राइस 949 रुपये था। लेकिन करीब 9 प्रतिशत के डिस्काउंट के साथ यह शेयर 867.2 पर लिस्ट हुआ। इसके बाद से यह शेयर नुकसान दिखा रहा है। करीब 35 प्रतिशत गिरकर यह शेयर करीब 671.65 तक लुढ़क चुका है।
फूटा Startup का गुब्बारा
बीते कुछ वर्षों में स्टार्टअप भारत के लिए नई उम्मीद लेकर आए थे। पेटीएम जैसे फिनटेक हो या बायजू जैसे एडटेक या फिर नायका जैसे अन्य स्टार्टअप ने आम लोगों के साथ ही सरकार का भी विश्वास जीता था। कोरोना काल में इन स्टार्टअप का कारोबार कई गुना बढ़ा। 2020 और 2021 के साल में भारत से रिकॉर्ड यूनिकॉर्न पैदा हुए। लेकिन 2022 में स्टार्टअप का गुब्बारा मानो फूट ही गया। 2021 के नवंबर में लिस्ट हुआ पेटीएम का शेयर तीन चौथाई तक टूट चुका है। वहीं बायजू ने जब 18 महीने के बाद अपने रिजल्ट जारी किए तो उससे पूरे स्टार्टअप जगत की पोल खुल गई। इसका खामियाजा जॉब मार्केट को भी भुगतना पड़ा। अब तक बायजू, नायका, वेदान्तु जैसे एक दर्जन स्टार्टअप 15000 से ज्यादा लोगों को नौकरी से निकाल चुके हैं।
टाटा की हुई Air India
देश की बड़ी आर्थिक घटनाओं में टाटा समूह द्वारा सरकारी एयरलाइंस एयर इंडिया का अधिग्रहण भी था। महाराजा के नाम से विख्यात घाटे मे चल रही एयर इंडिया 27 जनवरी को आधिकारिक रूप से टाटा समूह के हाथ में चली गई। सरकार ने पिछले साल अक्टूबर में एयर इंडिया की बिक्री के लिए टाटा समूह के साथ 18,000 करोड़ रुपये में शेयर खरीद समझौता किया था। 1953 में एयर इंडिया के राष्ट्रीयकरण से पहले यह टाटा समूह की ही एयरलाइंस थी।
धूल में मिले crypto के सिक्के
यह साल क्रिप्टो करेंसी को लेकर भी काफी चर्चा में रहा। कोरोना काल में क्रिप्टो करेंसी का नाम काफी चर्चा में रहा। हालांकि रिजर्व बैंक और भारत सरकार लगातार लोगों से क्रिप्टो करेंसी से दूर रहने की सलाह देती रही। 2022 के आम बजट में क्रिप्टो में निवेश को टैक्स के दायरे में भी लाया गया। लेकिन साल खत्म होते होते क्रिप्टो का जादू दुनिया भर में धूमिल होता गया। नवंबर 2021 में जो बिटकॉइन 69000 डॉलर का था। उसकी कीमत घटकर 35000 डॉलर भी नहीं रह गई। इस बीच दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी क्रिप्टो करेंसी एफटीएक्स के अचानक धराशाई होने से अब क्रिप्टो बाजार का भविष्य भी धुंधला गया है।
दुनिया में चला अडानी का सिक्का
यह साल यदि गौतम अडानी का कहा जाए तो गलत नहीं होगा। ब्लूमबर्ग की ताजा रिपोर्ट के अनुसार 2022 में गौतम अडानी की संपत्ति दुनिया के किसी भी शख्स के मुकाबले सबसे तेजी से बढ़ी है। इस समय वे बर्नार्ड अरनॉल्ट और एलोन मस्क के बाद दुनिया के तीसरे सबसे अमीर व्यक्ति हैं। इस साल उनकी निजी संपत्ति में 49 अरब डॉलर की बढ़ोतरी हुई। जिसके चलते अडानी बिल गेट्स और वारेन बफेट को पीछे छोड़कर आगे निकल गए। अब 125.5 बिलियन डॉलर की निवल संपत्ति के साथ-साथ अडानी ने महशूर कारोबारी और अमेजन के मालिक जेफ बेजोस को भी पीछे छोड़ चुके हैं।
5G की रफ्तार से दौड़ा भारत
मुकेश अंबानी ने आज से 5 साल पहले 4जी को लॉन्च करते समय डेटा को भविष्य का ईंधन कहा था। यह बाद आज सच होती दिख रही है। भारत अब 5जी की दुनिया में प्रवेश कर चुका है। इसी साल 1 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में 5जी की शुरूआत की है। रिलायंस जियो और एयरटेल देश के कई शहरों में सवाएं शुरू कर चुके हैं। रिलायंस जियो ने 2023 के अंत तक पूरे भारत में 5जी सेवाओं के विस्तार का ऐलान कर दिया है।