Year Ender 2022: रियल एस्टेट के लिए यह शानदार साल रहा है। कोरोना महामारी के बाद घरों की बढ़ी मांग 2022 में और तेज हो गई। देश के सात प्रमुख शहरों के अलावा टियर टू और थ्री शहरों में घरों की मांग अच्छी रही। घरों की मांग बढ़ने और सप्लाई कम होने से कीमतों पर असर देखने को मिला। बड़े शहरों में बिल्डरों ने कई बार प्राइस को रिवाइज किए, जिससे कई शहरों में प्रॉपर्टी की कीमत 20% तक बढ़ गई। अगर, घरों की मांग पर नजर डालें तो मिड साइज यानी 3बीएचके और लग्जरी घरों की मांग तेजी से बढ़ी। कोरोना के बाद बड़े साइज के घर खरीदने पर जोर रहा। सबसे अधिक मांग 75 लाख से 1 करोड़ तक के फ्लैट की रही। वहीं, 1 करोड़ और उससे अधिक कीमत के घरों की मांग में भी जबरदस्त उछाल देखने को मिला। वर्क फ्राम होम खत्म होने से ऑफिस स्पेस की मांग फिर से निकली।
बड़े साइज के घरों की डिमांड बढ़ी, आगे और तेजी
अंतरिक्ष इंडिया के सीएमडी राकेश यादव ने इंडिया टीवी को बताया कि कोरोना के बाद खुद के घर खरीदने का सेंटीमेंट काफी बढ़ा है। इसके चलते इस साल प्रॉपर्टी की मांग कई सालों के टॉप पर पहुंच गई। हालांकि, कंस्ट्रक्शन लागत बढ़ने से प्रॉपर्टी की कीमत भी बढ़ी। इसके बावजूद घर खरीदारों ने बड़े साइज के फ्लैट खरीदने पर जोर दिया। घर खरीदारों के बीच 2बीएचके के मुकाबले 3बीएचके पहली पसंद बनकर उभरा। यह ट्रेंड इस साल भी बना रहेगा। नोएडा-ग्रेटर नोएडा में अच्छे प्रोजेक्ट में फ्लैट 6000 से 8000 रुपये प्रति वर्गफीट की कीमत पर मिल रही हैं। महामारी से पहले यह 4000 से 5000 रुपये प्रति वर्गफीट की कीमत पर उपलब्ध थी। अगले साल मांग और कीमत में और तेजी की उम्मीद है। होम लोन पर ब्याज दरें जरूर बढ़ी हैं लेकिन डिमांड में कमी नहीं है। नए साल में घरों की मांग और तेजी होने की उम्मीद है।
आवासीय और कमर्शियल की मांग बनी रहेगी
रहेजा डेवलपर्स के डायरेक्टर नयन रहेजा ने बताया कि सभी सेग्मेंट्स में घरों की मजबूत डिमांड ने महामारी के बाद रियल्टी क्षेत्र में मांग को बढ़ाया है। इस साल लक्जरी श्रेणी में विदेशी और एनआरआई रुचि दिखी, वहीं प्लॉटों में भी कीमतों में बढ़ोतरी के साथ जबरदस्त आकर्षण देखा गया। रियल्टी बाजार में यह ट्रेंड अगले साल भी जारी रहने की उम्मीद है। वहीं, 360 रियलटर के फाउंडर एंड मैनेजिंग डायरेक्टर, अंकित कंसल ने कहा कि 2023 में हम रियल एस्टेट सेक्टर में अच्छी तेजी की उम्मीद कर रहे हैं। लंबे समय बाद, संपत्ति की कीमतों में वृद्धि जारी रहेगी। जिन परिवारों के पास पहले से ही घर हैं, वे दूसरे घर या रिटायरमेंट विला को चुनने के बारे में सोच सकते हैं। मांग में उछाल के अलावा, भारत की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था भी इस क्षेत्र को त्वरित विकास पथ की ओर ले जाएगी। आवासीय और कमर्शियल दोनों की मांग बनी रहेगी।
मांग निकलने से पटरी पर रियल्टी सेक्टर
इन्वेस्टिनप्रो रियलटेक के सीईओ, रितु अहलावत ने बताया कि रियल एस्टेट सेक्टर इस वर्ष महामारी के प्रभाव से पूर तरह से उबरकर तेजी की राह पर लौटने में कामयाब रहा। हालांकि, रिकवरी की गति उच्च ब्याज दरों, ग्लोबल मंदी और यूक्रेन-रूस के कारण आपूर्ति प्रभावित हुई। ये फैक्टर अगले साल भी बाजार पर असर डाल सकते हैं। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए स्पेप ग्रुप के डायरेक्टर, हरपाल सिंह चावला ने कहा कि अलग-अलग शहरों में प्रॉपर्टी की कीमत में वृद्धि हुई। कहीं अधिक तो कहीं कम कीमत बढ़ी लेकिन बढ़ोतरी सभी जगह देखने को मिली। रियल एस्टेट प्रोजेक्ट, विशेष रूप से एससीओ और मिक्स यूज वाली परियोजनाओं सहित वाणिज्यिक खंड की मजबूत मांग रही है।