थोक मुद्रास्फीति दर अक्टूबर में कम होकर -0.52 प्रतिशत हो गई है। थोक महंगाई दर में गिरावट की बड़ी वजह कमोडिटी की कीमत में कमी आना रही है। यह लगातार सातवां महीना है जब थोक मुद्रास्फीति नकारात्मक जोन में बनी हुई है। सितंबर महीने में थोक महंगाई दर -0.26 प्रतिशत रही थी। वहीं, पिछले वर्ष अक्टूबर में ये 8.67 प्रतिशत पर थी।
क्या-क्या हुआ सस्ता?
सरकार की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक खाद्य वस्तुओं की कीमत में गिरावट देखने को मिली है। अक्टूबर में खाद्य वस्तुओं पर महंगाई दर 2.53 प्रतिशत रही है, जो कि सितंबर में 3.35 प्रतिशत और अगस्त में 10.6 प्रतिशत थी।
सब्जियों में महंगाई दर गिरकर -21.04 प्रतिशत पर आ गई है जो कि सितंबर में -15 प्रतिशत पर थी। वहीं, अगस्त में ये आंकड़ा टमाटर और अन्य सब्जियों की कीमत बढ़ने के कारण 48.39 प्रतिशत था। अक्टूबर में पिछले साल ये 17.44 प्रतिशत पर था।
प्राथमिक वस्तुओं (सब्जियों, खाद्य वस्तुओं और मिनरल) पर थोक महंगाई दर अक्टूबर में घटकर 1.82 प्रतिशत पर आ गई है, जो कि सितंबर में 3.7 प्रतिशत पर थी। अक्टूबर में पिछले साल महंगाई दर 11.7 प्रतिशत पर थी। हालांकि, ईंधन और मैन्यूफैक्चरिंग प्रोडक्ट्स पर थोक महंगाई दर अक्टूबर में सितंबर के मुकाबले थोड़ी सी बढ़ी है।
खुदरा महंगाई दर भी गिरी
सोमवार को सरकार की ओर से खुदरा महंगाई दर के आंकड़े जारी किए गए थे। अक्टूबर में थोक महंगाई दर गिरकर 4.87 प्रतिशत पर पहुंच गई है जो कि सितंबर में 5.02 प्रतिशत थी। यह लगातार दूसरा महीना था, जब खुदरा महंगाई दर आईबीआई की ओर से तय किए गए महंगाई के बैंड 2 से 6 प्रतिशत के बीच रही है। बात दें, आईपीओ द्वारा अक्टूबर में जारी की गई मौद्रिक नीति में रेपो रेट को 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा था।