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WPI Inflation: नवंबर की थोक महंगाई 21 महीने में सबसे कम, क्या रिजर्व बैंक सस्ता करेगा होम और कार लोन

नवंबर 2021 में थोक महंगाई यानि WPI 14.87 फीसदी थी थोक मूल्य सूचकांक (WPI) पर आधारित मुद्रास्फीति 19 महीने तक दहाई अंकों में रहने के बाद अक्टूबर में घटकर 8.39 फीसदी हो गई थी।

Edited By: Sachin Chaturvedi @sachinbakul
Updated on: December 14, 2022 14:28 IST
WPI inflation - India TV Paisa
Photo:FILE WPI inflation

खुदरा महंगाई के बाद अब थोक महंगाई ने भी सरकार को थोड़ी राहत दी है। नवंबर में थोक महंगाई 6 प्रतिशत से भी नीचे आ गई और 5.85 फीसदी दर्ज की गई। यह बीते 21 महीनों का सबसे कम स्तर है। इस साल यूक्रेन युद्ध के बाद अप्रैल और मई में महंगाई ने रिकॉर्ड स्तर हासिल किया था। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय की ओर से जारी थोक महंगाई के आंकड़ों के अनुसार मैन्युफैक्चरिंग प्रोडक्ट, ईंधन और खाद्य वस्तुओं की कीमतों में नरमी आने से थोक कीमतों में कमी आई है। 

बीते साल से 8 % कम  

नवंबर 2021 में थोक महंगाई यानि डब्ल्यूपीआई 14.87 फीसदी थी थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) पर आधारित मुद्रास्फीति 19 महीने तक दहाई अंकों में रहने के बाद अक्टूबर में घटकर 8.39 फीसदी हो गई थी। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने बुधवार को कहा, ‘‘नवंबर 2022 में मुद्रास्फीति की दर में कमी आने की मुख्य वजह खाद्य पदार्थों, मूल धातुओं, कपड़ा, रसायन एवं रासायनिक उत्पाद, कागज एवं इससे बने उत्पादों के दामों में गिरावट आना है।’’ 

फरवरी 2021 के बाद सबसे निचला स्तर 

नवंबर 2022 से पहले मुद्रास्फीति का निचला स्तर फरवरी 2021 में रहा था जब डब्ल्यूपीआई मुद्रास्फीति 4.83 फीसदी पर थी। नवंबर में खाद्य वस्तुओं की मुद्रास्फीति 1.07 प्रतिशत रही, जो इससे पिछले महीने 8.33 प्रतिशत थी। समीक्षाधीन महीने में सब्जियों के दाम घटकर शून्य से नीचे 20.08 फीसदी पर आ गए, जो अक्टूबर में 17.61 फीसदी पर थे। ईंधन और बिजली में महंगाई दर नवंबर में 17.35 फीसदी रही, विनिर्मित उत्पादों की मुद्रास्फीति 3.59 प्रतिशत पर थी। 

क्या घटेगी लोन की EMI

रिजर्व बैंक इस साल मई से लगातार बढ़ती महंगाई को काबू में करने के लिए कर्ज की दरें बढ़ा रहा है। थोक महंगाई के गिरते आंकड़े काफी उत्साहजनक हैं। लेकिन भारतीय रिजर्व बैंक मौद्रिक नीति बनाने में मुख्य रूप से खुदरा मुद्रास्फीति पर गौर करता है। हाल में जारी आंकड़े बताते हैं कि खुदरा मुद्रास्फीति 11 महीनों में पहली बार, नवंबर 2022 में रिजर्व बैंक के छह फीसदी के संतोषजनक स्तर से नीचे रही है। ऐसे में माना जा रहा है कि यदि यह दरें यूं ही 6 फीसदी के स्तर से नीचे रहीं तो ब्याज की मार कुछ थम सकती है। 

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