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मंदी को लेकर विश्व बैंक ने अब ये क्या कह दिया? टूटने वाला है तीन दशक का रिकॉर्ड

पूरी दुनिया में मंदी आने जा रही है। विश्व बैंक ने अपनी सालाना रिपोर्ट में चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। इस साल उसने विश्व की ग्रोथ रेट भी घटा दी है।

Edited By: Vikash Tiwary @ivikashtiwary
Published on: January 10, 2023 23:17 IST
मंदी को लेकर विश्व बैंक ने अब ये क्या कह दिया?- India TV Paisa
Photo:FILE मंदी को लेकर विश्व बैंक ने अब ये क्या कह दिया?

विश्व बैंक ने मंगलवार को आगाह किया कि अमेरिका, यूरोप और चीन जैसे दुनिया के प्रमुख देशों में आर्थिक वृद्धि के कमजोर होने से वैश्विक अर्थव्यवस्था इस साल मंदी की दहलीज पर होगी। विश्व बैंक ने अपनी सालाना रिपोर्ट में कहा कि उसने इस साल के लिये वैश्विक वृद्धि के अनुमान को घटाकर 1.7 प्रतिशत कर दिया है। जबकि पूर्व में इसके तीन प्रतिशत रहने का अनुमान जताया गया था। 

टूटने वाला है तीन दशक का रिकॉर्ड

अगर विश्व बैंक का यह अनुमान सही साबित होता है, तो यह तीन दशक में तीसरी सबसे कमजोर सालाना आर्थिक वृद्धि होगी। इससे पहले 2008 के वैश्विक वित्तीय संकट और 2020 में महामारी के कारण ही आर्थिक वृद्धि कम रही थी। हालांकि, अमेरिका इस वर्ष मंदी से बच सकता है। विश्व बैंक ने अमेरिकी अर्थव्यवस्था में 0.5 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान जताया है, लेकिन वैश्विक स्तर पर अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर कमजोर रुख का असर ऊंची कीमतों और ब्याज दर में वृद्धि के रूप में अमेरिकी कंपनियों और उपभोक्ताओं पर पड़ेगा। 

अमेरिका की स्थिति होगी खराब

इसके अलावा, अगर कोविड महामारी बढ़ती है या यूक्रेन में युद्ध की स्थिति बिगड़ती है तो अमेरिका की स्थिति आपूर्ति व्यवस्था प्रभावित होने से खराब होगी। साथ ही चीन का सबसे बड़ा निर्यातक यूरोप वहां की अर्थव्यवस्था के नरम होने से प्रभावित होगा। विश्व बैंक ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि अमेरिका और यूरोप जैसे विकसित देशों में ब्याज दर बढ़ने से गरीब देशों में लगी निवेश पूंजी आकर्षित होगी। इससे महत्वपूर्ण घरेलू निवेश से वंचित होना पड़ेगा। साथ ही, उच्च ब्याज दर की स्थिति से विकसित देशों में वृद्धि धीमी पड़ेगी और यह स्थिति तब होगी, जब रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण दुनिया में खाद्य वस्तुओं के दाम में तेजी है। 

वैश्विक मंदी का असर विशेष रूप से सहारा अफ्रीका जैसे गरीब देशों पर पड़ेगा। विश्व बैंक का अनुमान है कि इन देशों में प्रति व्यक्ति आय 2023 और 2024 में केवल 1.2 प्रतिशत बढ़ेगी। यह दर इतनी धीमी है कि इससे गरीबी की दर बढ़ सकती है। विश्व बैंक के अध्यक्ष डेविड मलपास ने कहा, ‘‘वृद्धि और व्यापार निवेश कम होने से शिक्षा, स्वास्थ्य और बुनियादी ढांचे पर और प्रतिकूल असर पड़ेगा।

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