Friday, November 22, 2024
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वर्ल्ड बैंक ने मोदी सरकार की जमकर तारीफ की, कहा- भारत ने केवल 6 सालों में वित्तीय समावेशन का लक्ष्य हासिल किया

वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट को अपने एक्स अकाउंट पर शेयर करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लिखा कि यह हमारी सरकार की मजबूत पेमेंट इंफ्रास्ट्रक्चर और हमारे लोगों की मजबूत इच्छाशक्ति का परिणाम है।

Edited By: Alok Kumar @alocksone
Updated on: September 08, 2023 13:55 IST
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी- India TV Paisa
Photo:PTI प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

जी-20 समिट से पहले वर्ल्ड बैंक ने मोदी सरकार की जमकर तारीफ की है। वर्ल्ड बैंक ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि भारत ने केवल 6 वर्षों में वित्तीय समावेशन लक्ष्य हासिल कर लिया है, जो काबिले तारीफ है। अगर यह समान्य रूप से चलता तो इसमें कम से कम 47 साल लग जाते। रिपोर्ट में आगे कहा गया कि भारत ने यह उपलब्धि अपने डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर की बदौलत हासिल की है। वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट को अपने एक्स अकाउंट पर शेयर करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लिखा कि यह हमारी सरकार की मजबूत पेमेंट इंफ्रास्ट्रक्चर और हमारे लोगों की मजबूत इच्छाशक्ति का परिणाम है। मैं अपनी जनता को इस उपलब्धि के लिए बधाई देता है। उन्होंने आगे लिखा कि यह हमारे ​तेज विकास और इनोवेशन को प्रतिबिंबित करता है। 

पीएम मोदी ट्वीट

Image Source : X
पीएम मोदी ट्वीट

वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट की अहम बातें 

  • वित्तीय समावेशन: भारत के डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर (डीपीआई) दृष्टिकोण की सराहना करते हुए वर्ल्ड बैंक ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि भारत ने केवल 6 वर्षों में वह हासिल कर लिया है। 
  • जनधन-आधार-मोबाइल (जेएएम ट्रिनिटी): वर्ल्ड बैंक ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि जेएएम ट्रिनिटी के चलते वित्तीय समावेशन की दर 2008 में 25% से बढ़ाकर पिछले 6 वर्षों में वयस्कों के लिए 80% से अधिक हो गई है। डीपीआई की बदौलत 47 सालों का कम वक्त इसमें लगा है। 
  • पीएमजेडीवाई खातें: प्रधानमंत्री जन-धन खाता योजना (पीएमजेडीवाई) की संख्या मार्च 2015 में 14.72 करोड़ से तीन अधिक बढ़कर जून 2022 तक 46.2 करोड़ हो गई। इनमें से 56 प्रतिशत यानी 26 करोड़ से अधिक खातें महिलाओं की हैं। 
  • जन धन प्लस कार्यक्रम: जन धन प्लस कार्यक्रम कम आय वाली महिलाओं को बचत करने के लिए प्रोत्साहित करता है, जिसके परिणामस्वरूप (अप्रैल 2023 तक) 1.2 करोड़ ​महिला इस योजना से जुड़ी हुईं हैं। केवल पांच महीनों में औसत बैलेंस में 50% की वृद्धि हुई है। भारत की 10 करोड़ कम आय वाली महिलाओं को इस योजना में शामिल कर भारत के सरकारी बैंक लगभग 25,000 करोड़ रुपये (3.1 बिलियन डॉलर) जमा आकर्षित कर सकते हैं।
  • यूपीआई से लेनदेन रिकॉर्ड पर: यूपीआई से अकेले मई 2023 में लगभग 14.89 ट्रिलियन रुपये मूल्य के 9.41 बिलियन से अधिक लेनदेन किए गए। वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए, UPI लेनदेन का कुल मूल्य भारत की नॉमिनल जीडीपी का लगभग 50 प्रतिशत था।
  • आसान केवाईसी प्रक्रिया: डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर ने केवाईसी प्रक्रिया को आसान बना दिया है। इससे बैंकों की लागत कम हो गई है। बैंकों ने अपनी अनुपालन लागत 0.12 डॉलर से घटाकर 0.06 डॉलर कर ली है। लागत में कमी ने कम आय वाले ग्राहकों को सेवा के लिए अधिक आकर्षक बना दिया।
  • यूपीआई से देश के बाहर भी पेमेंट: यूपीआई से देश से बाहर भी पेमेंट करने की सुविधा शुरू हो गई है। भारत और सिंगापुर के बीच UPI-PayNow इंटरलिंकिंग शुरू हो चुकी है। यह G20 की वित्तीय समावेशन प्राथमिकताओं के साथ संरेखित है और तेज़, सस्ता और अधिक पारदर्शी सीमा पार भुगतान की सुविधा प्रदान करती है। रिपोर्ट में कहा गया है कि  डीपीआई बिजनेस चलाने की जटिलता, लागत और समय में कटौती के जरिये प्राइवेट कंपनियों के लिए बड़े अवसर खोल दिया है। 

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