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Work-Life Balance : 90 घंटे के वर्क वीक पर हर्ष गोयनका समेत उद्योग जगत के दिग्गजों ने रखी अपनी राय, जानिए किसने क्या कहा

बजाज ऑटो के प्रबंध निदेशक राजीव बजाज ने कहा, “इसे सबसे ऊपर से शुरू करें और अगर यह अवधारणा के प्रमाण के रूप में काम करता है, तो इसे नीचे लागू करें।” उन्होंने कहा कि काम के घंटों को मापना पिछड़ापन है।

Edited By: Pawan Jayaswal
Published : Jan 11, 2025 7:11 IST, Updated : Jan 11, 2025 7:11 IST
90 घंटे का वर्क वीक
Photo:FILE 90 घंटे का वर्क वीक

इंजीनियरिंग एवं मैन्यूफैक्चरिंग कंपनी लार्सन एंड टुब्रो (L&T) के चेयरमैन एस एन सुब्रमण्यन के हफ्ते में 90 घंटे काम के सुझाव पर बहस जारी है। हर्ष मारीवाला, हर्ष गोयनका और राजीव बजाज जैसे उद्योग जगत के दिग्गजों ने कहा है कि वर्क लाइफ बैलेंस वैकल्पिक नहीं है, बल्कि आवश्यक है तथा सफल होने के लिए कड़ी मेहनत करना काम के घंटों पर निर्भर नहीं करता है। उन्होंने सुझाव दिया कि यदि लम्बे समय तक काम करने की सुझाई गई प्रथा का पालन करना आवश्यक हो तो उसे ऊपर से शुरू करना होगा।

51.05 करोड़ रुपये सालाना पैकेज

एलएंडटी के चेयरमैन एसएन सुब्रमण्यन ने 90 घंटे के वर्क वीक की वकालत करते हुए पूछा था कि ‘आप अपनी पत्नी को कितनी देर तक निहार सकते हैं।’ उन्होंने सुझाव दिया था कि कर्मचारियों को रविवार को भी छुट्टी छोड़ देनी चाहिए। उनके इस बयान पर सोशल मीडिया पर तीखी टिप्पणियां की गयी। सुब्रमण्यन की टिप्पणी के बाद उनके सैलरी पैकेज ने सोशल मीडिया यूजर्स का ध्यान आकर्षित किया है। सुब्रमण्यन का सैलरी पैकेज कंपनी की 2023-24 की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार 51.05 करोड़ रुपये था। यह कंपनी के कर्मचारियों के औसत पारिश्रमिक का 534.57 गुना था।

'संडे का नाम बदलकर सन-ड्यूटी रख दो'

आरपीजी एंटरप्राइजेज के चेयरमैन हर्ष गोयनका ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा, “सप्ताह में 90 घंटे? संडे का नाम बदलकर ‘सन-ड्यूटी’ क्यों न कर दिया जाए और ‘छुट्टी’ को एक काल्पनिक अवधारणा क्यों न बना दिया जाए!” गोयनका ने इस अवधारणा के प्रति अपना विरोध व्यक्त किया। उन्होंने कहा, “मैं कड़ी मेहनत और समझदारी से काम करने में विश्वास करता हूं, लेकिन लाइफ को लगातार ऑफिस टाइम में बदल देना? यह सफलता नहीं, बल्कि थकान का नुस्खा है। वर्क-लाइफ बैलेंस वैकल्पिक नहीं है, यह आवश्यक है। खैर, यह मेरा विचार है।’’

'इसे सबसे ऊपर से शुरू करें'

इस बहस में शामिल होते हुए मैरिको लिमिटेड के चेयरमैन हर्ष मारीवाला ने ‘एक्स’ पर लिखा, “इसमें कोई संदेह नहीं है कि कड़ी मेहनत सफलता की रीढ़ है, लेकिन यह काम किए गए घंटों के बारे में नहीं है। यह उन घंटों में दिखाई गई क्वालिटी और जुनून के बारे में है।” उन्होंने कहा, “अपने युवाओं को वास्तव में संलग्न और प्रेरित करने के लिए हमें यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि उन्हें ऐसी भूमिकाएं दी जाएं जो न केवल उन्हें चुनौती दें बल्कि ग्रोथ और लर्निंग को भी बढ़ावा दें। जब कोई व्यक्ति ऐसा मार्ग देखता है जहां कड़ी मेहनत एक आशाजनक भविष्य में तब्दील हो जाती है, तो वे स्वाभाविक रूप से अपना सर्वश्रेष्ठ देने के लिए इच्छुक होते हैं।” एक टीवी चैनल के साथ ‘हफ्ते में 90 घंटे काम’ पर अपने विचार साझा करते हुए बजाज ऑटो के प्रबंध निदेशक राजीव बजाज ने कहा, “इसे सबसे ऊपर से शुरू करें और अगर यह अवधारणा के प्रमाण के रूप में काम करता है, तो इसे नीचे लागू करें।” उन्होंने कहा कि काम के घंटों को मापना पुरातन और पिछड़ापन है।

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