Highlights
- पेट्रोल डीजल के निर्यात पर और भारत में उत्पादित कच्चे तेल पर विंडफॉल टैक्स लगा
- टैक्स का फैसला अचानक नहीं बल्कि इंडस्ट्री के साथ परामर्श से बढ़ाया गया है
- हर 15 दिनों में कर की दर की समीक्षा की जाएगी और हम ऐसा कर रहे हैं
WindFall Tax: यूक्रेन युद्ध के बाद से कच्चे तेल की महंगाई ने आम लोगों की नाक में दम कर रखा है। हालांकि जुलाई से कच्चे तेल की कीमतों में नरमी आई है। वहीं रूस के कच्चे तेल ने भारतीय रिफाइनरीज़ को महंगे ब्रेंट का विकल्प भी प्रदान किया है। लेकिन 1 जुलाई से सरकार ने भारत से पेट्रोल डीजल के निर्यात पर और भारत में उत्पादित कच्चे तेल पर विंडफॉल टैक्स लगा दिया है।
किसके कहने पर लगाया विंडफॉल टैक्स
विंडफॉल टैक्स को लेकर सरकार को कई आलोचना का सामना भी करना पड़ा है। इसे लेकर आज सोमवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज सफाई दी है। वित्त मंत्री ने बताया कि पेटा्रेल डीजल पर टैक्स का फैसला अचानक नहीं बल्कि इंडस्ट्री के साथ परामर्श से बढ़ाया गया है। उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि अप्रत्याशित लाभ कर (विंडफॉल टैक्स) को अचानक लगाया गया कर कहना ठीक नहीं है, क्योंकि इसका निर्धारण उद्योग के साथ परामर्श के साथ किया जाता है।
15 दिनों में हो रही है समीक्षा
वित्त मंत्री ने एलारा कैपिटल द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में कहा, ‘‘उद्योग को पूरी तरह भरोसे में लेने के बाद ही इस विचार को लागू किया गया।’’ सीतारमण ने कहा, ‘‘जब हमने इस बारे में सुझाव दिया, तो हमने उद्योग जगत से कहा था कि हर 15 दिनों में कर की दर की समीक्षा की जाएगी और हम ऐसा कर रहे हैं।’’
फंड की आवक उम्मीद से कम
वैश्विक सूचकांक में बांड को शामिल करने पर उन्होंने कहा कि महामारी के बाद से कई चीजें बदल गई हैं। कोषों की आवक के मामले में खासतौर से ऐसा है। सीतारमण ने कहा कि फंड की आवक उम्मीद के मुताबिक नहीं रही है। निश्चित रूप से इसकी बड़ी वजह महामारी है। उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि, मैं जल्द ही इस पर एक तार्किक निष्कर्ष की उम्मीद करती हूं।’’
2047 के लिए क्या है सरकार का रोडमैप
क्या सरकार कर-जीडीपी अनुपात बढ़ाने की योजना बना रही है, उन्होंने कहा कि कर आधार को बड़ा करना एक ऐसा मुद्दा है, जिसके लिए बहुत अधिक परामर्श और विश्लेषण की जरूरत है। वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘लेकिन हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि ऐसा अधिक उचित ढंग से तथा तकनीक की मदद से किया जाए।’’ उन्होंने कहा, ‘‘भारत को 2047 तक विकसित देश बनने के लिए बहुत सी चीजों को फिर से आकार देना होगा। इस लक्ष्य को पाने के लिए डिजिटलीकरण, शिक्षा और बुनियादी ढांचा सबसे महत्वपूर्ण साधन हैं।’’