सरकार ने कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों के बीच इस साल जुलाई से पेट्रोल डीजल और एटीएफ के निर्यात पर विंडफॉल टैक्स लगाया था। भारत अमेरिका, यूरोप सहित कई देशों को पेट्रोल और डीजल का निर्यात भी करता है।
सरकार ने डीजल पर टैक्स बढ़ा दिया है। लेकिन इससे आम लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है। सरकार ने यह वृद्धि देश से निर्यात किए जाने वाले डीजल के दाम में की है। इसके अलावा सरकार ने विमानों के ईंधन यानि एटीएफ के निर्यातकों को भी झटका देते हुए विंडफॉल टैक्स में बढ़ोत्तरी कर दी है। हालांकि कच्चे तेल पर सरकार ने राहत देते हुए इस पर लगने वाले टैक्स को कम कर दिया है।
सरकार ने विंडफॉल टैक्स में किया बदलाव
सरकार ने मंगलवार को घरेलू स्तर पर उत्पादित कच्चे तेल पर विंडफॉल टैक्स की दर में कटौती की घोषणा की है। सरकार की तरफ से जारी नोटिफिकेशन के मुताबिक, ओएनजीसी जैसी पेट्रोलियम कंपनियों द्वारा घरेलू स्तर पर उत्पादित कच्चे तेल पर अप्रत्याशित लाभ कर 11,000 रुपये प्रति टन से घटाकर 9,500 रुपये प्रति टन कर दिया गया है। यह कटौती दो नवंबर, 2022 से लागू होगी।
डीजल और ATF का निर्यात महंगा
सरकार ने विंडफॉल टैक्स पर हर 15 दिनों में की जाने वाली समीक्षा में डीजल के निर्यात पर विंडफॉल टैक्स को 12 रुपये से बढ़ाकर 13 रुपये प्रति लीटर कर दिया है। डीजल पर लगने वाले शुल्क में 1.50 रुपये प्रति लीटर का रोड इंफ्रास्ट्रक्चर सेस भी शामिल है। इसके अलावा विमान ईंधन के निर्यात पर लगने वाला कर 3.50 रुपये से बढ़ाकर पांच रुपये प्रति लीटर किया गया है।
1 जुलाई से पहली बार लगा था विंडफॉल टैक्स
सरकार ने एक जुलाई, 2022 को पेट्रोलियम उत्पादों पर अप्रत्याशित लाभ कर लगाने की घोषणा की थी। उस समय पेट्रोल के साथ डीजल और एटीएफ पर यह कर लगाया गया था। बाद की समीक्षा में इसके दायरे से पेट्रोल को बाहर कर दिया गया।