वोडाफोन आइडिया लि. (VIL) ने मंगलवार को कहा कि कंपनी में अपनी हिस्सेदारी के बारे में केंद्र को तय करना है कि उसे क्या करना है। इस संबंध में कंपनी के हाथ में कुछ नहीं है। कंपनी ने यह बात इन खबरों के बीच कही है कि सरकार ने संभवत: दूरसंचार कंपनी में अपनी हिस्सेदारी बेचने के लिए कुछ सरकारी फंड्स से सुझाव मांगे हैं। वोडाफोन आइडिया के पहली तिमाही के वित्तीय परिणाम के दौरान मुख्य कार्यपालक अधिकारी (CEO) अक्षय मूंदड़ा ने ‘कॉन्फ्रेंस कॉल’ में कहा कि शुल्क दर बढ़ोतरी के बाद से कंपनी के कुछ ग्राहक बीएसएनएल का रुख कर रहे हैं। कंपनी स्थिति पर नजर रख रही है।
सरकार अपना फैसला लेने के लिए स्वतंत्र
हालांकि, उनका मानना है कि वोडाफोन आइडिया के 4जी कवरेज को देखते हुए, शुल्क दर में वृद्धि के आधार पर ‘पोर्ट आउट’ यानी दूसरी कंपनी में जाने को लेकर लिए गए त्वरित निर्णय अंततः कायम नहीं रह सकते हैं। मीडिया में आई इस खबर के बारे में कि सरकार संभवत: यह पता लगा रही है कि क्या सरकारी संपत्ति फंड कंपनी में उसकी हिस्सेदारी लेने के इच्छुक होंगे, मूंदड़ा ने कहा, ‘‘हमारी इस बारे में सरकार के साथ कोई बातचीत नहीं हुई है। हमें यही कहना है कि एक सार्वजनिक शेयरधारक के रूप में वे अपने निवेश के संबंध में निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र हैं।’’
3 निजी कंपनियां रहने के पक्ष में है सरकार
उन्होंने कहा, ‘‘सुधार पैकेज की घोषणा इस उद्देश्य से की गई थी कि कंपनी को सहायता उपलब्ध कराने की आवश्यकता है और सरकार स्पष्ट रूप से क्षेत्र में तीन निजी कंपनियों के पक्ष में रही है। बकाया राशि को इक्विटी में बदलना कंपनी के बही-खाते को समर्थन करने का एक साधन था।’’ हाल में शुल्क दर बढ़ाने के जमीनी स्तर पर प्रभाव को लेकर पूछे गये सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि हालांकि इस बारे में अभी निष्कर्ष निकालना जल्दबाजी होगी। लेकिन यह तथ्य है कि इस बार शुरुआती मूल्य में वृद्धि न्यूनतम रही है, ऐसे में ग्राहकों के कंपनी छोड़कर जाने की दर कम होनी चाहिए।
कैसा रहा कंपनी का रिजल्ट
वोडाफोन आइडिया ने सोमवार को वित्तीय परिणाम जारी किये। इसके अनुसार कर्ज में फंसी दूरसंचार कंपनी का चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में शुद्ध घाटा कम होकर 6,432.1 करोड़ रुपये पर आ गया। कंपनी के 4जी ग्राहकों की संख्या बढ़ने से उसके घाटे में कमी आई है। जून तिमाही में कंपनी का राजस्व सालाना आधार पर 1.3 प्रतिशत की गिरावट के साथ 10,508.3 करोड़ रुपये रहा।