Budget 2024 : विशेषज्ञों को अंतरिम बजट में आयकर छूट सीमा में वृद्धि, महिला उद्यमियों को समर्थन, दीर्घकालिक कराधान नीति और उपभोग तथा बचत को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक फरवरी को आम चुनाव से पहले अंतरिम बजट पेश करेंगी। अखिल भारतीय कर पेशेवर संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष नारायण जैन ने कहा, 'यह एक अंतरिम बजट होगा, लेकिन इसमें पूर्ण-बजट के लिए कुछ संकेत हो सकते हैं। धारा 87ए के तहत व्यक्तिगत करदाताओं को कुछ रियायत दी जा सकती है। इसके तहत कुल कर छूट सीमा को सात लाख से बढ़ाकर आठ लाख रुपये किया जा सकता है।'
MSME पर कम लगे टैक्स
भारत चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष एन जी खेतान ने कहा कि छोटी और मझोली कंपनियों को समान अवसर देने के लिए कंपनियों, साझेदारियों और सीमित देयता साझेदारियों (LLP) के बीच दीर्घकालिक कराधान नीति और कराधान में समानता की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि एमएसएमई पर अधिक कर लगाया जाता है, जबकि देश की जीडीपी और रोजगार सृजन में उनका बहुत बड़ा योगदान है। बंगाल चैंबर ऑफ कॉमर्स के राजकोषीय मामलों और कराधान समिति के चेयरपर्सन विवेक जालान ने उम्मीद जताई कि व्यक्तिगत आय कराधान के लिए कुछ कटौतियों को शामिल करते हुए एक सरल योजना शुरू की जा सकती है। फिक्की महिला संगठन (कोलकाता चैप्टर) की चेयरपर्सन राधिका डालमिया ने महिला उद्यमियों के लिए कर में छूट और अधिक मातृत्व अवकाश की वकालत की।
देश को तीसरी बड़ी इकॉनमी बनाने का लक्ष्य
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को कहा कि वित्त वर्ष 2027-28 तक भारत को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने के लिए प्रत्येक भागीदार के सहयोग की जरूरत है। उन्होंने कहा कि इसके लिए भारत की जीडीपी को 5,000 अरब डॉलर के आंकड़े को पार करना होगा। वित्त मंत्री ने साथ ही जोड़ा कि सीमा शुल्क विभाग की 'फेसलेस मूल्यांकन' और 'एकल खिड़की निपटान' जैसी पहलों को विकसित करने की जरूरत है। सीतारमण ने 'अंतरराष्ट्रीय सीमा शुल्क दिवस 2024' के अवसर पर एक लिखित संदेश में कहा कि भारत के 'अमृत काल' के दौरान सभी हितधारकों को एक साथ आने और नागरिकों को लाभ पहुंचाने के लिए योगदान करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि इस साल अंतरराष्ट्रीय सीमा शुल्क दिवस का ध्येय वाक्य ''परंपरागत और नए साझेदारों को उद्देश्य से जोड़ने वाला सीमा शुल्क'' है, जिसमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नारे 'सबका साथ - सबका विकास' की गूंज सुनाई देती है। सीतारमण ने कहा, ''भारत को 2027-28 तक तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने के लिए हर साझेदार को सहयोग करने की जरूरत है।''