के.पी. सिंह और डीएलएफ की कामयाबी पर लिखी गई 'वाय द हेक नॉट?' का आज गुरुवार को राजधानी दिल्ली में विमोचन किया गया। के.पी. सिंह के जन्मदिन पर लॉन्च की गई इस बुक का पूरा नाम 'Why the Heck Not? Blueprints for Success from the Man Who Built DLF' है। इस बुक को खुद के.पी. सिंह (कुशल पाल सिंह) और अपर्णा जैन ने लिखा है। बुक को लॉन्च करते हुए के.पी. सिंह ने अपने जीवन के संघर्ष को याद किया। इस बुक में भारत के रियल्टी सेक्टर को आकार देने में के.पी. सिंह की क्रांतिकारी यात्रा का जिक्र है। इस बुक में के.पी. सिंह के शुरुआती करियर से लेकर उनके असाधारण करियर और अमूल्य नेतृत्व की कहानी है।
के.पी. सिंह ने बुक में शेयर किए जीवन के बेशकीमती सबक
'वाय द हेक नॉट?' में कुशल पाल सिंह ने अपने साहसिक दृष्टिकोण, जीवन दर्शन और भारत के रियल एस्टेट परिदृश्य में अग्रणी भूमिका निभाने और कॉर्पोरेट एक्सिलेंस में बेंचमार्क स्थापित करने के दशकों से प्राप्त बेशकीमती सबक साझा किए हैं। किताब में केपी सिंह की मामूली शुरुआत से भारतीय रियल एस्टेट सेक्टर में एक परिवर्तनकारी शक्ति बनने तक की कहानी है। इसमें डीएलएफ को रियल एस्टेट सेक्टर की लीडिंग कंपनी बनाने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका की कहानी है। ये किताब चुनौतियों का सामना करने में के.पी. सिंह के मजबूत इरादों, नई सोच और अदम्य साहस पर एक अंदरूनी नजर डालती है। जैसे-जैसे के.पी. सिंह अपने एक्सपीरियंस और ट्रायल्स को याद करते हैं, रीडर्स को आगे की सोच और नए मौकों के लिए "हां" कहने की शक्ति के बारे में जानकारी मिलती है।
सभी वर्गों के लिए काफी महत्वपूर्ण है किताब
यूं तो 'वाय द हेक नॉट?' सभी वर्ग के लोगों के लिए काफी महत्वपूर्ण है जो उनके जीवन में क्रांतिकारी बदलाव ला सकती है लेकिन ये किताब ऑन्त्रेप्रेन्यॉर्स, नया बिजनेस शुरू करने का प्लान बना रहे लोगों के लिए काफी प्रेरणादायक है। ये किताब न सिर्फ लीडरशिप और इनोवेशन की सीख देगी बल्कि ये सहयोग की शक्ति के सभी पहलुओं पर भी बेशकीमती ज्ञान प्रदान करती है।
2020 में डीएलएफ के एग्जीक्यूटिव चेयरमैन के पद से रिटायर हुए थे सिंह
बताते चलें कि के.पी. सिंह डीएलएफ लिमिटेड के मानद चेयरमैन हैं, जो 2020 में एग्जीक्यूटिव चेयरमैन के पद से रिटायर हुए थे। उनकी लीडरशिप में, डीएलएफ भारत की सबसे बड़ी रियल एस्टेट कंपनी बनी, जिसकी देश भर में जबरदस्त उपस्थिति है। आधुनिक भारत को आकार देने के लिए वर्ल्ड लेवल पर पहचाने जाने वाले के.पी. सिंह ने अर्बन इंफ्रास्ट्रक्चर को डोमेस्टिक और फॉरेन दोनों इंवेस्टमेंट को आकर्षित करने के लिए बदल दिया। जनरल इलेक्ट्रिक (जीई) को भारत में निवेश करने के लिए राजी करने में के.पी. सिंह ने अहम भूमिका निभाई थी। उन्हें साल 2010 में पद्म भूषण समेत कई बड़े पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है।