सरकारी पेट्रोलियम कंपनी इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (IOC), भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लि.(BPCL) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशल लि. (HPCL) के स्टॉक रॉकेट बने हुए हैं। पिछले 1 साल में इन कंपनियों के शेयरों ने 120% तक का शानदार रिटर्न दिया है। आज भी इन तीनों कंपनियों के स्टॉक्स में जबरदस्त तेजी रही है। आगे भी एक्सपर्ट तेजी जारी रहने का अनुमान जता रहे हैं। आखिर, क्या वजह है कि इन तीनों पेट्रोलियम कंपनियों के शेयर रॉकेट बने हुए हैं। आपको बता दूं कि शेयर रॉकेट बनने की एक और सिर्फ एक वजह है और वह है इन कंपनियों की बंपर कमाई।
पेट्रोलियम कंपनियों की बंपर कमाई
ग्लोबल मार्केट में क्रूड सस्ता होने और घरेलू बाजार में सरकार द्वारा पेट्रोल-डीजल, गैस सस्ता नहीं करने से इन कंपनियों की बंपर कमाई हो रही है। आपको बता दें कि इन तीनों पेट्रोलियम विपणन कंपनियों का लाभ चालू वित्त वर्ष के पहले नौ महीनों में 69,000 करोड़ रुपये से अधिक रहा है जो तेल संकट से पहले के वर्षों की उनकी सालाना कमाई से कहीं अधिक है। इसलिए इन कंपनियों के स्टॉक्स में जबरदस्त तेजी बनी हुई है।
ईंधन के दाम में 2 साल से कोई बदलाव नहीं
सरकारी क्षेत्र की इन पेट्रोलियम कंपनियों की तरफ से शेयर बाजारों को दी गई सूचना से यह आंकड़ा सामने आया है। खुदरा पेट्रोलियम कंपनियों ने दैनिक मूल्य संशोधन व्यवस्था पर लौटने और उपभोक्ताओं को दरों में आई नकमी का लाभ देने की मांग का विरोध किया है। उनका तर्क है कि कीमतें बेहद अस्थिर बनी हुई हैं और उनके पिछले नुकसान की पूरी तरह से भरपाई नहीं हुई है। भारत के लगभग 90 प्रतिशत ईंधन बाजार को नियंत्रित करने वाली तीनों कंपनियों ने पेट्रोल, डीजल और रसोई गैस (एलपीजी) की कीमतों में ‘स्वेच्छा से’ लगभग दो साल से कोई बदलाव नहीं किया है। इसकी वजह से कच्चे तेल की लागत अधिक होने पर नुकसान होता है और कच्चे माल के दाम कम होने से मुनाफा होता है।
किस कंपनी की कितनी कमाई
आईओसी ने चालू वित्त वर्ष के पहले नौ महीनों (अप्रैल-दिसंबर 2023) में एकल आधार पर 34,781.15 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ कमाया। कंपनी ने इसकी तुलना में 2022-23 में 8,241.82 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ कमाया था। आईओसी यह तर्क दे सकती है कि वित्त वर्ष 2022-23 तेल संकट से प्रभावित था। नौ महीने की कमाई संकट-पूर्व वर्षों की तुलना में भी अधिक है। बीपीसीएल ने चालू वित्त वर्ष में नौ महीने महीने की अवधि में 22,449.32 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ कमाया, जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में उसे 4,607.64 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था। एचपीसीएल का नौ महीने का मुनाफा 11,851.08 करोड़ रुपये रहा। जबकि उसे वित्त वर्ष 2022-23 में 8,974.03 करोड़ रुपये का घाटा और 2021-22 में 6,382.63 करोड़ रुपये का लाभ हुआ था।