Highlights
- सभी देश भारत के साथ करना चाहते हैं व्यापार
- भारतीय श्रम की अब सबसे अधिक मांग
- अगला 25 साल भारत के लिए अहम
Piyush Goyal: अमेरिका (America) में एबीसी यानि एनीथिंग बट चाइना को व्यापक समर्थन मिल रहा है। भारत (India) तेजी से अमेरिकी व्यापार के लिए पहली पसंद का देश बनता जा रहा है। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल (Piyush Goyal) ने कहा कि जहां तक अमेरिकी कारोबार का सवाल है तो भारत पहली पसंद है। भारत अमेरिका के लिए विशेष स्थान रखता है। वास्तव में आज के समय में पूरी दुनिया भारत की ओर देख रही है।
सभी देश भारत के साथ करना चाहते हैं व्यापार
विश्व के अधिकतर देश हमारे साथ अधिक से अधिक जुड़ना चाहते हैं। इसके पीछे का सबसे बड़ा कारण है- राजनीतिक स्थिरता, तकनीक और डिजाइन में उभरती शक्ति और विशाल उपभोक्ता बाजार। वे इसे एक बड़े अवसर के रूप में देख रहे हैं। एक मल्टीनेशनल कंपनी भारत में उद्योग स्थापित करना चाहती है जिसमें 2,00,000 से अधिक लोगों को काम पर रखा जाएगा। सरकार का इस समय फोकस सेमी कंडक्टर, अत्याधुनिक आर एंड डी और डिजाइन की ताकत पर है।
भारत को लेकर इतनी उम्मीद क्यों है?
इस सवाल के जवाब पर गोयल ने कहा कि जाहिर है, भारत की बढ़ती जीडीपी, जो सभी को अपनी ओर खींच रही है। विश्व व्यापार संगठन के दौर में भारत के कोविड प्रबंधन, वैक्सीन दक्षता को एक बड़ी उपलब्धि के रूप में देखा जा रहा है।
मैं कई देशों के मंत्रियों से मिला और उन्होंने भारत के पूरे इकोसिस्टम की प्रशंसा की, जिसे भारत ने कोविड के दौरान बनाया था। इसके अलावा भारत ने इस कठिन समय में किसी भी अंतरराष्ट्रीय प्रतिबद्धता को नहीं छोड़ा। यहां तक कि हमारी डब्ल्यूएफएच ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी और इसकी बढ़ी हुई ताकत की भी विश्व के देशों के तरफ से सराहना की गई। प्रधानमंत्री का सपना भारत को एक विकसित राष्ट्र के रुप में देखने की है।
भारतीय श्रम की अब सबसे अधिक मांग
गोयल ने यह भी कहा कि भारतीय श्रम की अब सबसे अधिक मांग है। उन्होंने कपड़ा राजधानी तिरुपुर की हालिया यात्रा का जिक्र किया, जिसके बारे में उन्होंने बताया कि कैसे तिरुपुर अगला बांग्लादेश बन सकता है। विदेशी निवेशक चाहते हैं कि व्यापार करने में आसानी हो, लेकिन समान रूप से हमें अपने स्किल और तकनीक को तेज गति से अपनाना होगा।
उन्होंने यह भी कहा कि हाल ही में फॉक्सकॉन / वेदांता सौदे से पता चलता है कि राज्यों के बीच प्रतिस्पर्धा की भावना और इस तरह के सभी निवेशों की आधारशिला के लिए संघीय भावना का डबल इंजन होना चाहिए, जिससे की सहयोग और प्रतिस्पर्धा बनी रहे।
अगला 25 साल भारत के लिए अहम
उन्होंने कहा कि प्रवासी भारतीयों के अनुकरणीय कार्य करने से अमेरिका में भारतीय उद्यमिता फली-फूली है। अमेरिका में उन्होंने भारतीय अमेरिकी समुदाय से विस्तार से बात की और उनसे कहा कि भारत के पास लोगों की एक बड़ी फौज है। हमारे युवा, सबसे बड़ा अवसर हैं और उनमें से सभी इंटरनेट के जरिए दुनिया से जुड़े हैं। हम भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने की दिशा में अपनी यात्रा शुरू कर रहे हैं। ऐसे में यह हमारे लिए सोचने का एक महत्वपूर्ण समय है कि हम अगले 25 वर्षों में भारत को कहां देखते हैं। अमृत काल के अगले 25 साल, जैसा कि पीएम मोदी ने कहा है, भारत की विकास यात्रा को परिभाषित करेगा। हमारा लक्ष्य निकट भविष्य में 5 ट्रिलियन अमरीकी डालर की अर्थव्यवस्था बनना है।