दिल्ली एनसीआर में यदि आप भी राशन की इंस्टेंट डिलीवरी करने वाले एप ब्लिकिट (Blinkit) पर ऑर्डर नहीं कर पा रहे हैं तो आप अकेले नहीं है। फूड डिलीवरी सर्विस जोमैटो (Zomato) के स्वामित्व वाली ब्लिंकिट इस समय डिलिवरी पार्टनर्स की हड़ताल के चलते गंभीर संकट से गुजर रही है। इसके चलते कंपनी को दिल्ली एनसीआर में मौजूद अपने करीब 100 डार्क स्टोर बंद करने पड़े हैं। बता दें कि मात्र 10 मिनट में डिलीवरी के चलते इस कंपनी ने तेजी से ग्राहकों को आकर्षित किया है।
इकोनोमिक टाइम्स में छपी खबर के अनुसार ब्लिंकिट के साथ काम करने वाले सैकड़ों डिलीवरी पार्टनर कंपनी के पेआउट स्ट्रक्चर में बदलाव के विरोध में पिछले तीन दिनों से हड़ताल पर हैं। जिससे कंपनी का ऑपरेशन मुश्किल हो गया है। दिल्ली-एनसीआर के अधिकांश हिस्सों में यह सेवा ’अस्थायी रूप से अनुपलब्ध’ है।
ब्लिंकिट किराने का सामान और अन्य आवश्यक वस्तुओं, जैसे कि डेयरी, फल और सब्जियां, पर्सनल केयर की वस्तुएं, पेय पदार्थ आदि के लिए एक इंस्टेंट डिलिवरी सर्विस है।
कमाई अब आधी हो जाएगी
डिलीवरी पार्टनर्स के अनुसार कि पेआउट स्ट्रक्चर में बदलाव के कारण उनकी कमाई अब आधी हो जाएगी। अधिक डिलीवरी के लिए अतिरिक्त प्रोत्साहन के साथ, उन्हें प्रति-ऑर्डर के आधार पर भुगतान किया जाता है। कंपनी के एक एक्जिक्यूटिव के मुताबिक “एक साल पहले तक, डिलीवरी के लिए प्रति ऑर्डर लगभग 50 रुपये मिलते थे, जो पिछले साल घटकर 25 रुपये हो गया था। कुछ दिन पहले इसे घटाकर 12-15 रुपये प्रति ऑर्डर कर दिया गया था।
ये हैं कंपनी की शर्तें
ब्लिंकिट के साथ डिलीवरी पार्टनर बनने के लिए, इसकी वेबसाइट पर उनके ’अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न’ अनुभाग के अनुसार, एक दोपहिया वाहन और इंटरनेट कनेक्शन के साथ एक एंड्रॉइड फोन होना चाहिए। पेट्रोल के लिए भुगतान डिलीवरी पार्टनर को करना पड़ता है।
ब्लिंकिट ने दिया ये बयान
ब्लिंकिट ने एक बयान में कहा, ’हमने अपने भागीदारों के लिए एक नई पेआउट संरचना पेश की है जो ऑर्डर देने के उनके प्रयास के आधार पर उन्हें मुआवजा देती है। यह एक ऑप्ट-इन अभ्यास है, और हमारी टीमें भागीदारों के किसी भी प्रश्न का उत्तर देने के लिए जमीन पर हैं। हमारा मानना है कि यह हमारे सहयोगी ईकोसिस्टम के लिए एक सकारात्मक कदम है, क्योंकि यह उनके और हमारे ग्राहकों के लिए उचित है।