उत्तर प्रदेश अगले महीने वैश्विक निवेशक सम्मेलन (ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट) की मेजबानी करने जा रहा है। इसके लिए यूपी के मुख्यमंत्री सहित पूरा मंत्रिमंडल और उच्च अधिकारी दुनिया भर में रोड शो कर रहे हैं। दुनिया के कई बड़े कारोबारी और उद्योग यूपी में निवेश को इच्छुक दिख रहे हैं। आखिरकार यूपी में निवेश के लिए उद्योग इतने उत्सुक क्यों है, इसका खुलासा खुद उद्योग मंडल एसोचैम ने किया है। ऐसोचैम का कहना है कि इस राज्य में उद्योग लगाने के लिए माहौल पहले के मुकाबले कहीं बेहतर है और प्रदेश के पास निवेश हासिल करने के सबसे मजबूत अवसर हैं।
10 से 12 फरवरी को यूपी इन्वेस्टर्स समिट
एसोचैम के महासचिव दीपक सूद ने कहा कि सरकार अब खुद ही उद्योगों की तरफ कदम बढ़ाते हुए उन्हें निवेश के अवसर दिखाने की कोशिश कर रही है। इससे न सिर्फ उत्तर प्रदेश बल्कि पूरे भारत की अर्थव्यवस्था को फायदा होगा। आगामी 10-12 फरवरी को लखनऊ में आयोजित होने वाले वैश्विक निवेशक सम्मेलन की सफलता की संभावनाओं के बारे में पूछे जाने पर कहा, ‘‘जहां तक उत्तर प्रदेश का सवाल है तो उसके पास निवेश हासिल करने के बहुत मजबूत अवसर हैं।’’
यूपी की कनेक्टिविटी कर रहे है दुनिया को आकर्षित
उत्तर प्रदेश देश की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है, अन्य राज्यों से इसका संपर्क बहुत अच्छा है और अब प्रदेश को लेकर कारोबारियों का अनुभव भी बेहद उत्साहजनक हैं। अगर कोई व्यक्ति कहीं निवेश करना चाहता है, तो वह एक मजबूत तथा स्थायी नीति और बेहतर कानून-व्यवस्था को ही कसौटी मानता है। अब उत्तर प्रदेश में ये दोनों चीजें बेहद सकारात्मक हैं, जो पहले नहीं हुआ करती थीं।’’
ग्रेटर नोएडा का डाटा सेंटर होगा टर्निंग पॉइंट
सूद ने कहा कि हाल ही में एसोचैम के कई सदस्यों ने उत्तर प्रदेश में निवेश किया है और उनके अनुभव बहुत अच्छा संदेश देते हैं। उन्होंने उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा में स्थापित डाटा सेंटर का जिक्र करते हुए कहा कि देश के सबसे बड़े केंद्रों में गिना जाने वाला यह केंद्र आश्चर्यजनक रूप से बहुत जल्द बनकर तैयार हो गया। सरकार प्रदेश में उद्योगों को जिस तरह बढ़ावा दे रही है, उसके लिए वह बधाई की पात्र है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में औद्योगिक विकास की दिशा में जो काम हो रहा है, वह बेहद उत्साहजनक है।
इन उद्योगों में बड़ी संभावना
उत्तर प्रदेश को एक हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के सरकार के लक्ष्य के बारे में पूछे जाने पर सूद ने कहा, ‘‘यह बहुत बड़ा लक्ष्य है, लेकिन अगर वाहन, हार्डवेयर और इलेक्ट्रॉनिक हार्डवेयर जैसे क्षेत्रों में क्षमता का निर्माण कर लिया जाए, तो प्रदेश में अनंत संभावनाएं इंतजार कर रही हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘1,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था का लक्ष्य हासिल करने के लिए छोटे-छोटे लक्ष्य निर्धारित करने पड़ेंगे। पहले 500 अरब डॉलर का लक्ष्य हासिल करना होगा। उसके बाद 700 अरब और फिर 1,000 अरब डॉलर तक पहुंचने का लक्ष्य हासिल किया जाए। मगर 1,000 अरब डॉलर अंतिम लक्ष्य अंतिम नहीं होना चाहिए बल्कि उत्तर प्रदेश को उसके आगे भी सोचना होगा।’’
यूपी सरकार को इन बातों पर करना होगा फोकस
सूद ने कहा, ‘‘दरअसल, एक सतत पाइपलाइन की जरूरत है। इसके लिए जमीन की उपलब्धता, मूलभूत अवसंरचना, पानी तथा पर्यावरणीय स्वीकृतियां, श्रम शक्ति का उन्नयन और बाजार का विकास करना होगा और कुल मिलाकर प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय भी बढ़ानी होगी। यह सब चीजें होती हैं जिनपर सरकार रूपरेखा बनाकर काम करेगी और मुझे उम्मीद है कि उत्तर प्रदेश 1,000 अरब डॉलर अर्थव्यवस्था बनने की स्थिति में है।’’