पाकिस्तान में सरकार द्वारा लागू किए जा रहे विवादास्पद फायरवॉल सिस्टम की वजह से पाकिस्तान में इंटरनेट की धीमी और अनियमित सेवाओं के कारण देश से बड़े पैमाने पर विदेशी कारोबारी पलायन कर सकते हैं। पाकिस्तान बिजनेस काउंसिल (पीबीसी) और पाकिस्तान सॉफ्टवेयर हाउसेज एसोसिएशन (पीएसएचए) ने यह चेतावनी दी है। यह चेतावनी ऐसे समय में आई है, जब कुछ महीने पहले उबर, फाइजर, शेल, एली एली (अमेरिका), सनोफी (फ्रांस), टेलीनॉर (नॉर्वे), लोट्टो केमिकल (दक्षिण कोरिया) जैसी कुछ शीर्ष कंपनियों ने अपनी पूरी या आंशिक हिस्सेदारी स्थानीय कंपनियों को बेच दी थी।
पाकिस्तान से जा रहीं विदेशी कंपनियां
इस कदम से विदेशी निवेश में भारी गिरावट का संकेत मिला और पाकिस्तान के निवेश माहौल, आर्थिक नीतियों और नियामक बाधाओं पर सवाल उठे। पीबीसी ने बयान में कहा, “कई बहुराष्ट्रीय कंपनियां (MNC) या तो पाकिस्तान से अपने कार्यालय स्थानांतरित करने की योजना बना रही हैं या ऐसा कर चुकी हैं, क्योंकि कथित तौर पर फायरवॉल लगाए जाने से देश भर में बड़े पैमाने पर इंटरनेट बाधित हो रहा है।”
देश की इकोनॉमी के लिये बुरी स्थिति
शीर्ष वित्तीय विश्लेषक सरवत अली ने कहा कि किसी भी देश की बढ़ती अर्थव्यवस्था के लिए डिजिटल अर्थव्यवस्था अनिवार्य है। उन्होंने कहा, “पाकिस्तान पहले से ही बढ़ती बेरोजगारी और सुस्त वृद्धि के कारण आर्थिक चुनौतियों का सामना कर रहा है। ऐसे में निवेशकों और व्यवसायों का डिजिटल या आउटसोर्स व्यवसायों के भविष्य के बारे में असुरक्षित महसूस करना सही नहीं होगा।” एक हालिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि पिछले दो वर्षों में नौ बड़ी कंपनियों ने पाकिस्तान में अपनी संपत्तियां बेच दी हैं, जो देश की अर्थव्यवस्था के लिए एक बड़ा झटका है।