Highlights
- सरकार के पास आईडीबीआई बैंक में 60.72 फीसदी हिस्सेदारी
- Sale के बाद सरकार और एलआईसी की हिस्सेदारी घटकर 34 फीसदी हो जाएगी
- ईओआई जमा करने की अंतिम तिथि 16 दिसंबर 2022 तय
IDBI Bank: केंद्र सरकार एक बार फिर एक और सरकारी संपत्ति को बेचने की तैयारी कर रही है। सरकार के पास से सौदे के बाद मालिकाना हक भी चला जाएगा। आईडीबीआई बैंक के नए मालिक के किसी प्रस्ताव पर सरकार और सार्वजनिक क्षेत्र की बीमा कंपनी एलआईसी किसी तरह की अड़चन नहीं खड़ी करेगी, क्योंकि वे इसके भावी प्रवर्तकों को स्वतंत्रता देने के इच्छुक है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने जानकारी देते हुए कहा, आईडीबीआई बैंक में सरकार और एलआईसी की उल्लेखनीय हिस्सेदारी है।
सरकार के पास आईडीबीआई बैंक में 60.72 फीसदी हिस्सेदारी
आईडीबीआई बैंक में 60.72 फीसदी की हिस्सेदारी की बिक्री के लिए इस महीने की शुरुआत में निविदाएं आमंत्रित की गई थी। इस बैंक में सरकार की हिस्सेदारी 45.48 फीसदी और एलआईसी की 49.24 फीसदी है। बैंक का मूल्यांकन 47,633 करोड़ रुपये है। मौजूदा मूल्य पर करीब 61 फीसदी की हिस्सेदारी की बिक्री से सरकार को 29,000 करोड़ रुपये हासिल होंगे।
सरकार और एलआईसी की हिस्सेदारी घटकर 34 फीसदी होगी
एक अधिकारी ने बताया कि निजीकरण के बाद बैंक में सरकार और एलआईसी की हिस्सेदारी घटकर 34 फीसदी रह जाएगी। हालांकि नए प्रवर्तक द्वारा प्रस्तावित विशेष समाधान को रोकने की उनकी कोई मंशा नहीं है। यह कदम निवेशकों की चिंताओं को दूर करने का प्रयास है।
किसी समाधान का विरोध नहीं
अधिकारी ने कहा, ‘‘इस तरह की चिंता की कोई बात नहीं है। हम 60.72 फीसदी हिस्सेदारी बेच रहे हैं और प्रबंधन नियंत्रण भी सौपेंगे। निवेशकों को यह स्पष्ट रहना चाहिए कि इस संस्थान का नियंत्रण अपने पास रखने में हमारी दिलचस्पी नहीं है और हम किसी समाधान का विरोध नहीं करेंगे।’’ उन्होंने कहा कि आईडीबीआई बैंक के पात्र बोलीदाताओं को वित्तीय निविदाओं के स्तर पर इस बारे में आश्वासन दिया जाएगा।
अंतिम तिथि 16 दिसंबर 2022 तय
सरकार ने आईडीबीआई बैंक में कुल 60.72 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचकर बैंक का निजीकरण करने के लिए पिछले सप्ताह संभावित निवेशकों से बोलियां आमंत्रित की थीं। इसके लिए बोलियां या रुचि पत्र (ईओआई) जमा करने की अंतिम तिथि 16 दिसंबर 2022 तय की गई है। ईओआई और इच्छुक आवेदनकर्ताओं के भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के ‘उचित एवं उपयुक्त’ मूल्यांकन की मंजूरी मिलने और गृह मंत्रालय से सुरक्षा मंजूरी प्राप्त करने के बाद योग्य बोलीदाताओं को ‘डेटा रूम’ तक पहुंच प्रदान की जायेगी। अधिकारियों ने कहा कि आमतौर पर प्रक्रिया पूरी होने और वित्तीय बोलियां प्राप्त करने में लगभग छह महीने लगते हैं। हम मार्च तक आईडीबीआई बैंक के लिए वित्तीय बोलियां आमंत्रित करने की उम्मीद लगा रहे हैं। यह देखते हुए कि बैंक में रणनीतिक बिक्री का यह पहला मामला होगा, इसलिए प्रक्रिया के दौरान बहुत सारे सवाल उठने की भी आशंका है।