Highlights
- भारत ने ब्रिटेन से आने वाली 22 वस्तुओं पर ’जवाबी शुल्क लगा दिया है
- ब्रिटेन के स्टील उत्पादों पर बैन से निर्यात में 2,19,000 टन की गिरावट आएगी
- भारत ने डब्ल्यूटीओ की वस्तु व्यापार परिषद को अधिसूचित किया है
अगर आप प्रीमियम व्हिस्की पीते हैं तो आपके लिए बुरी खबर है, लेकिन यदि आप शराब नहीं भी पीते हैं तब भी आपको यह खबर परेशान कर सकती है। क्योंकि जल्द में इंग्लैंड से आने वाली शराब से लेकर महिलाओं के कॉस्मेटिक, पिज्जा का चीज़ और डीजल वाहन महंगे हो जाएंगे। यह सब भारत की उस बदले की कार्रवाई के कारण होने जा रहा है, जिसके तहत भारत ने ब्रिटेन से आने वाली 22 वस्तुओं पर ’जवाबी शुल्क लगा दिया है।
क्या है मामला
भारत की बदले की कार्रवाई के पीछे हाल ही में ब्रिटेन द्वारा भारतीय स्टील उत्पादों पर पाबंदी लगाना है। भारत ने विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) को भेजी सूचना में कहा कि अनुमान के अनुसार ब्रिटेन के स्टील उत्पादों को लेकर रक्षोपाय उपायों के परिणामस्वरूप निर्यात में 2,19,000 टन की गिरावट आएगी। इसपर शुल्क संग्रह 24.77 करोड़ डॉलर बैठता है। इसमें कहा गया है कि उसी के अनुसार भारत ने दी गयी रियायतों को निलंबित करने का प्रस्ताव किया है।
भारत ने कैसे लिया बदला
ब्रिटेन द्वारा भारत की स्टील पर प्रतिबंध लगाने से भारत को जो नुकसान होगा उसकी भरपाई ब्रिटेन से आने वाले उत्पादों पर सीमा शुल्क बढाकर पूरी की जाएगी। सूचना के अनुसार, ‘‘भारत ने डब्ल्यूटीओ की वस्तु व्यापार परिषद को अधिसूचित किया है कि शुल्क और व्यापार पर सामान्य समझौते 1994 तथा रक्षोपाय समझौते के तहत छूट या अन्य बाध्यताओं को उसने निलंबित कर दिया है। यह ब्रिटेन के कदम से प्रभावित होने वाले व्यापार की मात्रा के बराबर है।’’
स्कॉच और कॉस्मेटिक के अलावा इन प्रोडक्ट पर बढ़ी ड्रयूटी
जिन अन्य उत्पादों पर अतिरिक्त सीमा शुल्क लगाया गया है, उसमें प्रोसेस्ड चीज, स्कॉच, ब्लेंडेड व्हिस्की, जिन, पशु चारा, तरलीकृत प्रोपेन, कुछ आवश्यक तेल, कॉस्मेटिक, चांदी, प्लैटिनम, टर्बाे जेट, डीजल इंजन के कलपुर्जे आदि शामिल हैं।
कब तक लागू रहेगा बैन
सूचना में कहा गया है, ‘‘रियायतों और अन्य दायित्वों का निलंबन तब तक लागू रहेगा जब तक ब्रिटेन रक्षोपाय उपायों को नहीं हटा लेता।’’ इसमें कहा गया है, ‘‘भारत यह स्पष्ट करना चाहता है कि रियायतों का निलंबन ब्रिटेन के उपायों से प्रभावित व्यापार की मात्रा के बराबर होगा।’’ ब्रिटेन ने जो कदम उठाये हैं उसमें 25 प्रतिशत शुल्क (आउट ऑफ कोटा) के साथ 15 स्टील उत्पाद श्रेणियों पर लगाया गया शुल्क-दर कोटा शामिल हैं।
भारत ने जताई थी चिंता
दोनों देशों ने पांच अगस्त को ‘ऑनलाइन’ तरीके से ब्रिटेन की तरफ से कुछ स्टील उत्पादों के लिये जारी रक्षोपाय उपायों को आगे बढ़ाये जाने पर चर्चा की थी। भारत ने एक सितंबर को इसके जवाब में कदम उठाने का प्रस्ताव किया था। भारत ने विश्व व्यापार संगठन में ब्रिटेन के कदम को लेकर चिंता जतायी है।
दोनों देशों में 17 अरब डॉलर का कारोबार
दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार 2021-22 में बढ़कर 17.5 अरब डॉलर रहा जो 2020-21 में 13.2 अरब डॉलर था। भारत का निर्यात 2021-22 में 10.5 अरब डॉलर तथा आयात सात अरब डॉलर था।