UPI आने से डिजिटल लेनदेन का चलन तेजी से बढ़ा है लेकिन अभी भी NEFT, IMPS और RTGS का उपयोग कम नहीं हुआ है। हम सभी एनईएफटी, आईएमपीएस और आरटीजीएस का इस्तेमाल एक ही बैंक में और दूसरे बैंकों में फंड ट्रांसफर करने के लिए करते हैं। अब सवाल उठता है कि इनमें कौन सबसे तेज और बेहतर है? साथ ही इसके इस्तेमाल पर बैंक हम से कितना चार्ज वसूलते हैं। आइए, सारी जानकारी आपको देते हैं।
एनईएफटी
नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर (NEFT) के जरिये आपको चौबीसों घंटे एक खाते से दूसरे खाते में पैसे ट्रांसफर करने की सुविधा मिलती है। NEFT खाते में पैसा जमा होने के बाद एसएमएस या ईमेल के माध्यम से जानकारी प्रदान करता है। NEFT ट्रांजेक्शन आम तौर पर दो घंटे के भीतर सेटल हो जाते हैं। रिजर्व बैंक ने NEFT ट्रांजेक्शन पर कोई सीमा तय नहीं की है। हालांकि, अलग-अलग बैंक NEFT ट्रांसफर पर अपनी सीमाएं लगा सकते हैं। 10,000 रुपये तक के ट्रांसफर के लिए, बैंक प्रति ट्रांजेक्शन 2.5 रुपये प्लस GST चार्ज करता है। अगर ट्रांसफर की रकम 2 लाख रुपये से ज्यादा है, तो चार्ज 25 रुपये प्लस GST है।
IMPS
यह सेवा नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ़ इंडिया (NPCI) द्वारा दी जाती है। यह RBI द्वारा अधिकृत बैंकों के जरिए तुरंत पैसे ट्रांसफर करने की सुविधा देती है। IMPS रियल-टाइम फंड ट्रांसफर प्रदान करता है। किसी भी बैंक के हर खाताधारक के लिए IMPS ट्रांसफर सुविधा 24/7 उपलब्ध है। इसके जरिये फंड तुरंत लाभार्थी तक पहुंच जाता है। IMPS ट्रांसफर के लिए शुल्क आमतौर पर 25 रुपये तक होता है, जो राशि पर निर्भर करता है और बैंकों के बीच अलग-अलग होता है।
RTGS
रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट (RTGS) को एक ऐसी प्रणाली के रूप में समझा जा सकता है, जिसमें फंड ट्रांसफर का निरंतर और रियल-टाइम सेटलमेंट होता है, जो अलग-अलग ट्रांजेक्शन-दर-ट्रांजेक्शन के आधार पर होता है। RTGS फंड ट्रांसफर के लिए कई फायदे देता है। यह एक सुरक्षित और विश्वसनीय प्रणाली पर काम करता है, जो धन के सुरक्षित हस्तांतरण को सुनिश्चित करता है।
RTGS के लिए वर्तमान शुल्क संरचना इस प्रकार है: 2 लाख रुपये से 5 लाख रुपये के बीच की लेनदेन राशि के लिए, सेवा शुल्क 24.50 रुपये और जीएसटी है। 5 लाख रुपये और उससे अधिक की लेनदेन राशि के लिए सेवा शुल्क 49.50 रुपये प्लस टैक्स है।