अगर आप रियल एस्टेट सेक्टर में शानदार रिटर्न चाहते हैं तो आपको आवासीय की जगह रिटेल व कमर्शियल सेगमेंट की ओर रुख करना बेहतर होगा। रिटेल स्टोर, हाई स्ट्रीट, ऑफिस स्पेस, तथा को-वर्किंग स्पेस की बढ़ती मांग ने रिटेल व कमर्शियल सेगमेंट को निवेश के लिए ज्यादा अच्छा विकल्प बना दिया है। इस बात से प्रॉपर्टी विशेषज्ञ भी सहमति जताते है कि अगर आप निवेश के लिए रियल एस्टेट सेगमेंट में खरीदारी करना चाहते हैं तो आपको रिटेल व कमर्शियल सेगमेंट का चुनाव करना चाहिए। जानकारों का कहना है कि कमर्शियल प्रॉपर्टी की मांग बढ़ने के पीछे सरकार की रणनीति और अच्छी पॉलिसी है। एक अनुमान के अनुसार, कमर्शियल सेगमेंट में 20-25 प्रतिशत की वृद्धि देखने को मिल सकती है, जो कि पिछले 3-4 वर्षों में होने वाली वृद्धि से अधिक होगी। 2023 में कमर्शियल स्पेस की कीमतों में लगभग 15-18 प्रतिशत की वृद्धि होने की संभावना है।
ये लोकेशन बनेंगे कमर्शियल प्रॉपर्टी के हब
अगर आने वाले समय में कमर्शियल प्रॉपर्टी के हब की बात करें तो गाज़ियाबाद और गौतम बुद्ध नगर स्थित एनएच-9, नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेसवे सबसे हॉट लोकेशन बनने वाले हैं। इन क्षेत्रों में आईटी/आईटीईएस/बीएफएसआई, कई श्रेणियों की बड़े पैमाने पर निर्माण इकाइयां और स्टार्ट-अप विकास की गति को बढ़ा रहे हैं। हाल ही में संपन्न, यूपी जीआईएस (उत्तर प्रदेश ग्लोबल इन्वेस्टर समिट) 2023 ने दुनिया भर के निवेशकों को विस्तार का अवसर दिया है। इनके परिणामस्वरूप रियल एस्टेट सेक्टर में भी सकारात्मक उछाल आने की उम्मीद की जा रही है।
वर्ल्ड क्लास की कनेक्ब्टिविटी से बढ़ेगी मांग
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट, जेवर से नई दिल्ली तक हाई-स्पीड मेट्रो, फ्रेट कॉरिडोर, बोडाकी में ट्रांसपोर्ट हब ऐसे कुछ वर्ल्ड क्लास इंफ्रास्ट्रक्चर हैं जो इस क्षेत्र को व्यापार और वाणिज्यिक गतिविधियों के लिए सबसे अधिक मांग वाला निवेश स्थान बनाते हैं। एक्सप्रेसवे और राजमार्गों के बढ़ते नेटवर्क, आंतरिक कनेक्टिविटी, और कानून और व्यवस्था में सुधार ने कुल मिलाकर पूरे रियल एस्टेट बाजार को निवेशकों की पहली पसंद बना दिया है। दिल्ली-एनसीआर में वाणिज्यिक संपत्तियों की बढ़ती मांग ने किराये की आय में वृद्धि की है और निवेशकों के लिए आय का एक स्थिर स्रोत प्रदान किया है। लंबी अवधि में निवेश पर अच्छे रिटर्न की गारंटी देने में मदद करता है।
निवेश पर शानदार रिटर्न की गारंटी
रिटेल रिटेल व कमर्शियल प्रॉपर्टी में निवेश समग्र जोखिम को कम करता है जिससे इस वर्ग में निवेश की सम्भावनाएं बढ़ती जा रही है। नोएडा और ग्रेटर नोएडा में रिटेल और कमर्शियल स्पेस निर्माण करने वाली कंपनी आईथम वर्ल्ड के चेयरमैन संदीप साहनी कहते हैं, अच्छी मांग और बुनियादी ढांचे की गुणवत्ता में वृद्धि ने रिटेल स्पेस की मांग को बढ़ावा दिया है और महामारी के बाद कमर्शियल प्रॉपर्टी की मांग में वृद्धि हुई है। आने वाली तिमाहियों में निश्चित रूप से अधिक वृद्धि होगी। आईथम वर्ल्ड जल्द ही ग्रेटर नोएडा में स्थित 2.86 एकड़ में फैले आईथम गैलेरिया माल के फेज-1 में कब्जा देने वाला हैं।
कमर्शियल प्रॉपर्टी की मांग तेजी से बढ़ी
आवासीय परियोजना आरजी लक्ज़री होम के निर्माता आरजी ग्रुप के निदेशक हिमांशु गर्ग कहते हैं, महानगरीय शहरों और कस्बों में अच्छी आय वाली आबादी में तेजी से वृद्धि देखी गई है, जो निश्चित रूप से आसपास के क्षेत्र में विशेष रूप से दुकानों और छोटे और मध्यम वर्ग के वाणिज्यिक और खुदरा परियोजनाओं के लिए संतोषजनक है। बहुत सारे राष्ट्रीय और स्थानीय ब्रांड ऐसी परियोजनाओं के लिए उत्सुकता दिखा रहे हैं और नई लॉन्च की गई वाणिज्यिक और खुदरा परियोजनाओं में लीज या कंपनी ओन्ड स्पेस ले रहे हैं क्योंकि वे शिफ्ट होने वाले परिवारों को आजीवन ग्राहकों में बदलना चाहते हैं। हम ग्रेटर नोएडा वेस्ट में स्थित आरजी लक्ज़री होमस में एक शॉपिंग आर्केड के साथ आ रहे हैं, जिसमें लगभग 41912 वर्ग फुट समर्पित दुकानें, कियोस्क क्षेत्र और अन्य व्यावसायिक गतिविधियों के लिए जगह होगी।
रहने के लिए घर तो ही कमर्शियल प्रॉपर्टी में करें निवेश
अंतरिक्ष इंडिया के सीमएडी राकेश यादव कहते हैं कि अगर आपके पास पहले से रहने के लिए घर है तो ही आप निवेश के लिए कमर्शियल प्रॉपर्टी की ओर रुख करें। अगर, घर नहीं है तो सबसे पहले फ्लैट खरीदें। इसके बाद सेकेंड प्रॉपर्टी का चयन करें। अगर आप सेकेंड प्रॉपर्टी सिर्फ किराये की इनकम के लिए खरीदी रहें हैं तो फिर कमर्शियल प्रॉपर्टी का विकल्प चुन सकते हैं। रियल एस्टेट में निवेश को हमेशा रिटर्न ऑन इंवेस्टमेंट के नजरिए से देखना चाहिए। किराये के मामले में हमेशा दुकान का किराया मकान के बदले ज्यादा होता है। वहीं बाजार में कमर्शियल प्रॉपर्टी की कीमतें रेजिडेंशियल के मुकाबले ज्यादा तेजी से बढ़ती हैं। हालांकि, इसके साथ ही कई पेचीदगियां भी शामिल होती है जिसको पहले से समझना जरूरी है। बैंक कमर्शियल प्रॉपर्टी पर कम लोन देते हैं। इसके साथ ही कीमत में अंतर भी होता है। इसलिए कमर्शियल प्रॉपर्टी खरीदने से पहले अच्छी तरह से पड़ताल कर लें।
रियल एस्टेट को हमेशा आकर्षण का केंद्र
क्रेडाई वेस्टर्न यूपी के वाइस प्रेसिडेंट सुरेश गर्ग कहते हैं, जहां तक डिमांड का सवाल है, दिल्ली-एनसीआर में रियल एस्टेट को हमेशा आकर्षण का केंद्र है। आवासीय और वाणिज्यिक की मांग तेजी से बढ़ी है। अचल संपत्ति संपत्तियां और निवेश सहायक कंपनियां निवेश और पैसा बनाने के एकमात्र उद्देश्य के लिए बनाई जाएंगी, और यह विकास बाजार को नियंत्रित करेगा। वास्तव में, वाणिज्यिक अचल संपत्ति, जो किराये, आरओआई और आय-उत्पादक संपत्तियों के रूप में आय उत्पन्न करती है, अब एक मांग वाला निवेश विकल्प बन गया है। दिल्ली-एनसीआर में व्यवसायों की बढ़ती संख्या के परिणामस्वरूप वाणिज्यिक संपत्तियों की मांग में वृद्धि हुई है, जिससे निवेशकों को वाणिज्यिक अचल संपत्ति को भुनाने और बढ़ती मांग से लाभ उठाने का एक अतुलनीय अवसर मिला है। नए व्यवसायों के अवसर उन क्षेत्रों में दुकानें खोल रहे हैं जिन्होंने वाणिज्यिक संपत्तियों की मांग में वृद्धि की है और इसका प्रभाव बढ़ी हुई कीमतों के रूप में दिखाई दे रहा है, जिससे यह निवेश का एक अच्छा समय बन गया है। सक्रिय सरकार की नीतियां, विशेष रूप से दिल्ली-एनसीआर में रियल एस्टेट क्षेत्र को प्रोत्साहित करने के लिए, कई प्रगतिशील नीतियां वाणिज्यिक संपत्तियों में निवेश को आश्वस्त कर रही हैं।