2022 का साल गेहूं की महंगाई के नाम रहा। बीते साल 1800 रुपये क्विंटल के आसपास का भाव इस साल 3000 का छू गया है। लेकिन अगला साल राहत की खबर लेकर आने वाला है। ये अच्छी खबर भारत के खेतों से आई है। चालू रबी (सर्दियों) के मौसम में अब तक गेहूं की बुआई का रकबा 3.18 प्रतिशत बढ़कर 312.26 लाख हेक्टेयर (हेक्टेयर) हो गया है।
शुक्रवार को जारी कृषि मंत्रालय के आंकड़ों में यह जानकारी दी गई है। कृषि सचिव मनोज आहूजा ने कहा कि फसल की संभावनाएं अच्छी हैं क्योंकि मौजूदा मौसम पौधों के विकास और बेहतर पैदावार के लिए काफी अनुकूल है। मुख्य रबी (सर्दियों) की फ़सल, गेहूं की बुवाई अक्टूबर में शुरू होती है जबकि कटाई अप्रैल में होती है। सरसों और चना 2022-23 फसल वर्ष (जुलाई-जून) के रबी मौसम में बोई जाने वाली अन्य प्रमुख फसलें हैं।
मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक चालू रबी सत्र में 23 दिसंबर तक 312.26 लाख हेक्टेयर में गेहूं की बुवाई की जा चुकी है, जबकि एक साल पहले की अवधि में यह रकबा 302.61 लाख हेक्टेयर था। मंत्रालय ने कहा, ''इस प्रकार पिछले साल की तुलना में 9.65 लाख हेक्टेयर अधिक क्षेत्र को गेहूं खेती के दायरे में लिया गया है।''
किस राज्य में कितना रकबा
- राजस्थान 1.99 लाख हेक्टेयर
- गुजरात 1.74 लाख हेक्टेयर
- उत्तर प्रदेश 1.57 लाख हेक्टेयर
- बिहार 1.51 लाख हेक्टेयर
- महाराष्ट्र 1.43 लाख हेक्टेयर
- मध्य प्रदेश 0.83 लाख हेक्टेयर
- छत्तीसगढ़ 0.64 लाख हेक्टेयर
- पश्चिम बंगाल 0.24 लाख हेक्टेयर
- जम्मू और कश्मीर 0.23 लाख हेक्टेयर
- कर्नाटक 0.15 लाख हेक्टेयर
- असम 0.01 लाख हेक्टेयर
अन्य फसलों की अच्छी तस्वीर
- चावल की बुआई अब तक 14.42 लाख हेक्टेयर के अधिक रकबे में की गई है, जबकि एक साल पहले की समान अवधि में यह रकबा 12.60 लाख हेक्टेयर था।
- दालों के मामले में, कुल रकबा एक साल पहले के 144.64 लाख हेक्टेयर से अब तक मामूली रूप से बढ़कर 148.54 लाख हेक्टेयर हो गया है।
- चने का रकबा तुलनात्मक अवधि के दौरान 102.65 लाख हेक्टेयर की तुलना में थोड़ा बढ़कर 103.37 लाख हेक्टेयर हो गया है।
- तिलहन की बुवाई 101.47 लाख हेक्टेयर के अधिक रकबे में की गई है, जो पिछले साल की समान अवधि में 93.28 लाख हेक्टेयर था।
- सरसों की बुवाई 92.67 लाख हेक्टेयर में की गई है, जो रकबा पिछले साल समान अवधि में 85.35 लाख हेक्टेयर था।
- सभी रबी फसलों के खेती का कुल रकबा भी इस रबी सत्र में अब तक बढ़कर 620.62 लाख हेक्टेयर हो गया है, जबकि एक साल पहले की समान अवधि में यह रकबा 594.62 लाख हेक्टेयर था।