Whatsapp के जरिये अब आप चंद सेकेंड में जियोमार्ट पर खरीदारी पूरी कर पाएंगे। रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) की 45वीं सालाना आमसभा (एजीएम) में इसकी घोषणा की गई। प्रौद्योगिकी कंपनी मेटा और जियो प्लेटफॉर्म्स ने जियोमार्ट को संदेश मंच व्हॉट्सएप पर शुरू करने के लिए हाथ मिलाया है। इस साझेदारी से रिलायंस रिटेल के ग्राहक व्हॉट्सएप पर किराना सामान का ऑर्डर कर सकेंगे। इस संबंध में जारी संयुक्त बयान के अनुसार, व्हॉट्सएप पर जियोमार्ट ऑनलाइन खरीदारी करने वालों को जियोमार्ट की किराने की सूची से जोड़ेगा। ग्राहक इस सूची से वस्तुओं को ‘कार्ट’ में डालकर भुगतान कर सामान खरीद सकते हैं।
ईशा अंबानी ने ऑर्डर देने पर एक प्रस्तुति दी
रिलायंस इंडस्ट्रीज की 45वीं आमसभा (एजीएम) की बैठक में ईशा अंबानी ने व्हॉट्सएप का उपयोग करके ऑनलाइन किराना ऑर्डर देने और भुगतान करने पर एक प्रस्तुति दी। मेटा के संस्थापक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी मार्क जुकरबर्ग ने फेसबुक पोस्ट में कहा, ‘‘भारत में जियोमार्ट के साथ अपनी साझेदारी शुरू करने के लिए उत्साहित हूं। यह व्हॉट्सएप पर हमारा पहला ‘एंड-टू-एंड शॉपिंग’ अनुभव है। इससे लोग अब चैट में सीधे जियोमार्ट से किराना सामान का ऑर्डर कर सकते हैं।’’ वहीं रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक मुकेश अंबानी ने कहा, ‘‘हमारा दृष्टिकोण भारत को दुनिया के अग्रणी डिजिटल समाज के रूप में आगे बढ़ाना है।’’
रिलायंस रिटेल एफएमसीजी कारोबार शुरू करेगी
रिलायंस रिटेल इस साल अपना दैनिक उपयोग के सामान (एफएमसीजी) का कारोबार शुरू करेगी। रिलायंस रिटेल वेंचर्स लिमिटेड (आरआरवीएल) की निदेशक ईशा अंबानी ने सोमवार को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इस कारोबार का मकसद उत्पादों को विकसित करना और वितरित करना है। ईशा ने कहा कि एफएमसीजी कारोबार के तहत किफायती कीमत पर उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादों की पेशकश कर प्रत्येक भारतीय की रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा किया जाएगा। उन्होंने कहा, ‘‘इस साल हम अपना एफएमसीजी कारोबार शुरू करेंगे।’’ इसके अलावा रिलायंस रिटेल भारतीय कारीगरों द्वारा बनाए गए सामानों का विपणन भी करेगी। उन्होंने कहा, ‘‘भारत की समृद्ध संस्कृति और विरासत के प्रति हमारी प्रतिबद्धता के तहत, हम जल्द ही पूरे भारत में आदिवासियों और अन्य वांचित समुदायों द्वारा बनाए गए उच्च गुणवत्ता वाले सामानों का विपणन शुरू करेंगे।’’ इस कदम से रोजगार के मौके बढ़ेंगे और साथ ही भारतीय कारीगरों के कौशल एवं ज्ञान को संरक्षित करने में भी मदद मिलेगी। आरआरवीएल, रिलायंस इंडस्ट्रीज समूह के तहत सभी खुदरा कंपनियों की होल्डिंग कंपनी है।