आरबीआई की ओर से आए एक फैसले ने देश के लाखों घर खरीदारों को खुशी दी है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की मॉनिटरी कमेटी की बैठक में बड़ा निर्णय लिया गया। भारतीय रिजर्व बैंक ने लगातार आठवीं बार नीतिगत रेपो दर में कोई बदलाव नहीं किया है। आरबीआई गवर्नर शशिकांत दास ने शुक्रवार को इसकी घोषणा की। इसका मतलब है कि लोगों की होम लोन की ईएमआई में बढ़ोतरी नहीं होगी। इस फैसले से रियल एस्टेट बाजार झूम रहा है। रियल एस्टेट कारोबारियों के साथ घर खरीदारों ने भी आरबीआई के इस निर्णय का स्वागत किया है। उनका कहना है कि निश्चित तौर पर इस निर्णय से लाखों लोगों को इसका लाभ होगा। सेक्टर की मजबूती से रोजगार के और अधिक अवसर बनाने पर जोर होगा। साथ ही घर खरीदने के बारे में सोच रहे लोगों को होम लोन की कम ईएमआई ही देनी होगी। आइए जानते हैं कि इंडस्ट्री के प्रतिनिधियों ने आरबीआई के इस फैसले पर क्या प्रतिक्रिया दी है।
घर खरीदारों को फायदा
सिविटेक ग्रुप के सीईओ सारथी गोयल ने कहा, "रेपो रेट में स्थिरता यह सुनिश्चित कर सकती है कि होम लोन की ब्याज दरें कम रहें, जिससे संभावित घर खरीदारों के लिए आवास खरीदना किफायती होगा। साथ ही इससे लोन लेने की दर में भी स्थिरता रहेगी, जिससे डेवलपर्स और घर खरीदारों दोनों को बाजार में बढ़े हुए विश्वास और पूर्वानुमान से लाभ होने की संभावना रहेगी।"
यह एक अच्छा निर्णय
आरजी ग्रुप के निदेशक हिमांशु गर्ग के अनुसार,"यह एक अच्छा निर्णय है। चूंकि रेपो रेट सीधे लोन की दरों को प्रभावित करती है, इसलिए रेपो की अपरिवर्तित दर का मतलब है कि मौजूदा लोन 6.50 की उच्च रेपो रेट के बेंचमार्क पर बने रहेंगे, साथ ही पुराने लोन्स की तुलना में नए लोन कम दरों पर दिए जाने की संभावना बन सकती है। इससे वर्तमान और भावी घर-खरीदारो, दोनों, को फायदा होगा।"
हेलमेट इंडस्ट्री के लिए फायदेमंद फैसला
स्टीलबर्ड के एमडी राजीव कपूर ने कहा, 'रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने महंगाई दर के अनुमान को बनाए रखा है और रेपो दर को 6.5% पर स्थिर रखा है, जो हेलमेट उद्योग के लिए एक सकारात्मक संकेत है। इस आर्थिक स्थिरता से निर्माता और उपभोक्ता दोनों को लाभ मिलता है। निर्माताओं के लिए, स्थिर रेपो दर का मतलब है कि उधार लेने की लागत में कोई बदलाव नहीं होगा, जिससे उनके कामकाज और निवेश योजना में आसानी होगी। यह पूर्वानुमान विशेष रूप से हेलमेट निर्माण जैसी उद्योगों के लिए महत्वपूर्ण है, जहाँ सटीकता और गुणवत्ता का बहुत महत्व है। उपभोक्ताओं के लिए, स्थिर महंगाई दर का अनुमान बताता है कि कीमतों में अधिक उछाल नहीं आएगा, जिससे लोग हेलमेट जैसी सुरक्षा सामग्रियों में निवेश करने के लिए प्रेरित हो सकते हैं। कोर महंगाई दर को नियंत्रित करने और ईंधन की कीमतों में कमी से संभावित बचत के कारण, लोग सुरक्षा सामग्री खरीदने के लिए अधिक आसानी से पैसा खर्च कर सकते हैं।
मामूली कमी होती तो और बेहतर होता
क्रेडाई एनसीआर के अध्यक्ष और गौड़ ग्रुप के सीएमडी मनोज गौड़ कहते हैं, "हालांकि, रेपो दर में मामूली कमी से रियल एस्टेट सेक्टर का उत्साह और बढ़ सकता था, हम आरबीआई के ब्याज दर को नहीं बदलने के निर्णय का स्वागत करते हैं। एक चिंता का विषय अफोर्डेबल हाउसिंग सेक्टर है, जिसमें निश्चित रूप से हस्तक्षेप की आवश्यकता है। कुल मिलाकर, यह एक स्वागत योग्य निर्णय है और रियल एस्टेट बाजार, जो अब तक के सबसे निचले स्तर के बिना बिके स्टॉक के साथ एक अभूतपूर्व उछाल का अनुभव कर रहा है, इस कदम का स्वागत करता है। यह निर्णय सेक्टर की वृद्धि और स्थिरता का समर्थन करता है।"
यूरोपीय सेंट्रल बैंक ने शुरू की कटौती
क्रिसिल के चीफ इकोनॉमिस्ट धर्मकीर्ति जोशी ने कहा, ''जबकि पूरे अटलांटिक में एक डिकपलिंग चल रही है- यूरोपीय सेंट्रल बैंक ने गुरुवार को दर में कटौती शुरू कर दी है। लेकिन अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने अभी भी इसे ऊंचा रखा हुआ है। इस बीच भारतीय रिजर्व बैंक ने दरों को यथावत रखना पसंद किया। फेड के पास कड़ी मौद्रिक नीति अपनाने की गुंजाइश है, क्योंकि अमेरिका में ग्रोथ रेट मजबूत है, जबकि यूरोप में ऊंची मुद्रास्फीति के बीच विकास संबंधी चिंताएं हैं।
वित्तीय बोझ कम करेगा यह कदम
एसकेए ग्रुप के डायरेक्टर संजय शर्मा ने बताया कि लगातार आठवीं बार रेपो दर को 6.50 फीसदी पर बनाए रखने का आरबीआई का निर्णय संभावित बॉयर्स पर वित्तीय बोझ को कम करने की दिशा में एक सकारात्मक कदम है। यह निर्णय कॉमर्शियल सेक्टर में संभावित बॉयर्स को अपनी संपत्ति खरीद के साथ आगे बढ़ने के लिए एक महत्वपूर्ण प्रोत्साहन प्रदान करने के लिए अच्छा कदम है। निश्चित रूप से आरबीआई के फैसले से किफायती और मध्य-श्रेणी के कॉमर्शियल प्रोजेक्ट्स को गति मिलेगी।
भविष्य के विकास की संभावनाएं दिख रहीं हैं
ग्रुप 108 के एमडी, संचित भूटानी कहते हैं, "आरबीआई ने लगातार आठवीं बार रेपो दर स्थिर रखकर फिर से एक सराहनीय कदम उठाया है। स्थिर रेपो दर निवेशकों और घर खरीदारों के लिए विश्वास प्रदान करती है। यह स्थिरता सीधे तौर पर रियल एस्टेट सेक्टर की वृद्धि को प्रभावित करती है, जो बदले में भारत के जीडीपी और भविष्य की विकास संभावनाओं में महत्वपूर्ण योगदान देती है।
खरीदारों के बीच बढ़ेगा उत्साह
अंकुश कौल,चीफ बिजनेस ऑफिसर, एंबिएंस ग्रुप के अनुसार "आरबीआई ने पिछले 16 महीनों से रेपो दर को 6.5 फीसदी पर बनाए रखा है। इस दर को रियल एस्टेट क्षेत्र द्वारा लंबे समय से ध्यान में रखा गया है। दरों को स्थिर करने से संभावित खरीदारों के बीच एक अलग उत्साह बना हुआ है और उनका विश्वास बना हुआ है। जैसे-जैसे फेस्टिव सीजन नजदीक आ रहा है, यह सेक्टर बॉयर्स को रेजिडेंशियल और कॉमर्शियल दोनों सेक्टर्स में निवेश करने के लिए प्रोत्साहित करेगा।
ब्याज दरों में जारी रहेगी राहत
अमित मोदी, डायरेक्टर, काउंटी ग्रुप का कहना है कि आरबीआई ने रेपो दरों को 6.50% पर अपरिवर्तित रखकर एक स्वागत योग्य कदम उठाया है। यह कदम इस क्षेत्र में निवेश करने के इच्छुक डेवलपर्स और संभावित खरीदारों दोनों के लिए फायदेमंद है। पवन शर्मा, एमडी, ट्राइसोल रेड , बताते हैं कि आरबीआई द्वारा रेपो रेट को 6.5% पर बनाए रखने के फैसले से हाउसिंग मार्केट में सकारात्मक वृद्धि की उम्मीद है। बढ़ती हाउसिंग लागत के बावजूद बिना बदली होम लोन दरें संभावित होम बायर्स को कुछ राहत प्रदान करती हैं।
उपभोक्ताओं का बढ़ रहा विश्वास
रहेजा डेवलपर्स के नयन रहेजा के अनुसार, "आरबीआई द्वारा आठवीं बार रेपो रेट को 6.5% पर अपरिवर्तित रखने के निर्णय से रियल एस्टेट सेक्टर को कई तरह से लाभ हुआ है. कंज्यूमर का विश्वास इस में प्रथम है. ब्याज दरों में स्थिरता से विश्वास बढ़ता है, जिससे घर खरीदना अधिक आकर्षक और किफ़ायती हो जाता है। इसके अलावा अस्थिर विकल्पों की तुलना में रियल एस्टेट अधिक आकर्षक इन्वेस्टमेंट बन जाता है, जिससे डोमेस्टिक और फॉरेन इन्वेस्टमेंट को बढ़ावा मिलता है. अंसल हाउसिंग के डायरेक्टर कुशाग्र अंसल का मानना है कि रेपो रेट को बनाए रखने के आरबीआई के फैसले से रेजिडेंशियल मार्किट पर पॉजिटिव इफ़ेक्ट पड़ेगा। हाउसिंग कॉस्ट की बढ़ती लागत के बावजूद, स्टेबल होम लोन संभावित बायर्स को कुछ राहत प्रदान करती हैं। नतीजतन, स्टेबल इंटरेस्ट रेट बायर्स और डेवलपर्स दोनों को लाभ पहुंचाती हैं, जिससे कंज्यूमर का विश्वास बढ़ता है।
आरबीआई का अर्थव्यवस्था के प्रति ठोस कदम
अश्विंदर आर. सिंह, सह-अध्यक्ष सीआईआई एनआर समिति रियल एस्टेट व सीईओ भारतीय अर्बन ने बताया कि, "रेपो दर को 6.50% पर बनाए रखने का आरबीआई का निर्णय एक रणनीतिक रूप से ठोस कदम है जो रियल एस्टेट बाजार में स्थिरता और विश्वास को मजबूत करता है। यह नीतिगत रुख न केवल वर्तमान विकास प्रक्षेपवक्र को बनाए रखता है बल्कि संभावित घर खरीदारों और वाणिज्यिक रियल एस्टेट निवेशकों के लिए सामर्थ्य भी बढ़ाता है। अश्विनी कुमार, पिरामिड इंफ्राटेक का कहना है, "आरबीआई द्वारा रेपो रेट को 6.50% पर बनाए रखने से रियल्टी सेक्टर में इन्वेस्टमेंट करने वाले डेवलपर्स और पॉसिबल बायर्स को लाभ मिलेगा. पिछले कुछ वर्षों में यह सेक्टर पहले से ही अच्छा प्रदर्शन कर रहा है, और रेपो रेट को स्टेबल रखने के डिसीजन से पॉसिबल बायर्स और डेवलपर्स दोनों को लाभ होगा।
रियल एस्टेट मार्केट को मिलेगा सपोर्ट
नारेडको के नेशनल प्रेसिडेंट ने जी हरि बाबू ने कहा, "अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और स्थिरता बनाए रखने के लिए केंद्रीय बैंक अपनी प्रतिबद्धता का संकेत दे रहा है। यह विशेष रूप से लग्जरी और किफायती आवास डेवलपर्स दोनों के लिए उत्साहजनक है। यह स्थिरता रियल एस्टेट बाजार को सहारा देती है, जिससे आवास अधिक किफायती बनते हैं और घर खरीदारों का विश्वास बढ़ता है। केंद्रीय बैंक का यह प्रयास सेक्टर में निवेश करने वालों को आवास में दीर्घकालिक निवेश को प्रोत्साहित करेगा। हम आरबीआई से आग्रह करते हैं कि वह अपनी आगामी समीक्षा बैठक में हमारी अपील पर विचार करें। कम दर पर ब्याज दर बेहतर तरलता के साथ डेवलपर्स और घर खरीदारों को समान रूप से प्रोत्साहित करती है, जिससे रियल एस्टेट बाजार के साथ इससे जुड़े सभी सेक्टर को मजबूती मिलती है।"
आगे कटौती होती है तो मिलेगा फायदा
लोहिया ग्लोबल के डायरेक्टर पीयूष लोहिया ने कहा, ''हाल के सत्रों में रेपो दर ने लगातार रियल एस्टेट बाजार में वृद्धि के लिए एक स्थिर आधार प्रदान किया है। आरबीआई द्वारा दर में स्थिरता या आगे की ढील एक महत्वपूर्ण बढ़ावा होगी, जिससे खरीदार का विश्वास बढ़ेगा और आवास ऋण अधिक किफायती बनेंगे। महामारी के बाद घर खरीदने में जो गति हमने देखी है, उसे बनाए रखने के लिए यह महत्वपूर्ण है, खासकर टियर 2 शहरों के उभरते बाजारों में। हम विशेष रूप से इस बात पर ध्यान दे रहे हैं कि आरबीआई चल रहे मुद्रास्फीति के दबाव और उधार लेने की लागत पर उनके प्रभाव को कैसे समायोजित करती है। मुद्रास्फीति का प्रबंधन करते हुए आर्थिक विकास का समर्थन करने वाली एक संतुलित नीति रियल एस्टेट क्षेत्र के स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है। हम घर खरीदारों और डेवलपर्स दोनों के लिए अधिक अनुकूल वातावरण को बढ़ावा देने के लिए ब्याज दरों में निरंतर उपायों या यहां तक कि रणनीतिक कटौती की उम्मीद करते हैं।''
लोहिया के सीईओ आयुष लोहिया ने कहा, 'हम रेपो रेट को अपरिवर्तित रखने के आरबीआई के फैसले का स्वागत करते हैं। स्थिर ब्याज दर ग्रीन टेक्नोलॉजी सेक्टर में निवेश और ग्रोथ के लिए महत्वपूर्ण है।'
सीनियर सिटीजंस के लिए अच्छा फैसला
मनासुम सीनियर लिविंग के सह-संस्थापक अनंतराम वरयूर ने कहा, "आरबीआई गवर्नर का मुद्रास्फीति अनुमान बनाए रखने और रेपो दर को 6.5% पर बनाए रखने का निर्णय विशेष रूप से वरिष्ठ नागरिकों के आवासीय परियोजनाओं के क्षेत्र के लिए उत्साहजनक है। मुख्य मुद्रास्फीति में नरमी और ईंधन की कीमतों में स्थिरता के साथ, अर्थव्यवस्था के लिए सकारात्मक दृष्टिकोण है, जो वरिष्ठ नागरिकों और उनके परिवारों के बीच इस तरह की परियोजनाओं में निवेश करने के लिए आत्मविश्वास बढ़ा सकता है। ब्याज दरों में यह पूर्वानुमान वरिष्ठ नागरिकों के आवासीय परियोजनाओं में अधिक निवेश को आकर्षित कर सकता है, क्योंकि डेवलपर्स अपने वित्त की योजना अधिक प्रभावी ढंग से बना सकते हैं। इसके अलावा, आरबीआई की 4% मुद्रास्फीति लक्ष्य को प्राप्त करने और मूल्य स्थिरता सुनिश्चित करने की प्रतिबद्धता इस क्षेत्र में निरंतर विकास के लिए एक मजबूत आधार प्रदान करती है। जैसे-जैसे अर्थव्यवस्था में सुधार जारी है, वरिष्ठ नागरिकों के आवासीय विकल्पों की मांग बढ़ने की संभावना है, जो लंबी अवधि में इन परियोजनाओं के लिए आशाजनक संभावनाएं प्रदान करती है।"
इस कारण लिया यह फैसला
संस्थापक एवं चेयरमैन, सिग्नेचर ग्लोबल (इंडिया) लिमिटेड के संस्थापक एवं चेयरमैन प्रदीप अग्रवाल ने कहा, "आरबीआई ने दरों को लगातार आठवीं बार समान रखा है, जिसका निर्णय संभवतः सीपीआई लक्षित रेंज में होने के बावजूद खाद्य मंहगाई की दर अपेक्षाकृत ऊंची होने के कारण लिया गया है। वित्तीय वर्ष 2024 में मजबूत जीडीपी ग्रोथ का भी असर इस निर्णय पर दिखता है। बावजूद इसके यदि मंहगाई कम होती रही, तो अर्थशास्त्री वित्तीय वर्ष की दूसरी छमाही में दरों में 25-50 आधार अंकों की कटौती को संभावित मान रहे हैं। ब्याज दरें कम होने पर रियल एस्टेट सेक्टर को और भी फायदा मिलेगा, जो कि पहले से भी इस्तेमाल करने वालों (एन्ड-यूजर्स) के बीच मजबूत मांग देख रहा है। हमें इस मजबूत मांग के अगले कुछ वर्षों तक सुदृढ़ बने रहने की आशा है, खासकर गुरुग्राम जैसे शहर में, जहां इंफ्रास्ट्रक्चर का तेजी से विकास हो रहा है।"
घरों की डिमांड है मजबूत
क्रिशुमी कारपोरेशन के प्रबंध निदेशक मोहित जैन ने कहा, "घरों की मांग मजबूत बनी हुई है, खासकर लग्जरी और हाई-एंड सेगमेंटों में। नीतिगत दरों में आरबीआई द्वारा स्थिति समान रखने से यह मजबूती बनी रहेगी। लेकिन दरों में कटौती की संभावना को देखते हुए रियल एस्टेट सेक्टर में तब और भी तेजी आने की आशा है, जब कटौती की जाएगी। भविष्य में दरों में किसी भी कटौती से मध्यम और प्रीमियम हाउसिंग सेगमेंट सबसे ज्यादा लाभान्वित होंगे।"