GDP Growth Rate : भारत को डबल डिजिट ग्रोथ रेट हासिल करने के लिए भूमि और श्रम जैसे बाजार सुधारों पर ध्यान देने की जरूरत है। एशियाई विकास बैंक (ADB) के मुख्य अर्थशास्त्री अल्बर्ट पार्क ने यह बात कही है। उन्होंने कहा, ‘‘इस बात को लेकर चिंताएं हैं कि भारत में बेरोजगारी के औपचारिक क्षेत्र में भूमि और श्रम जैसे बुनियादी कारक बाजार का आकार अभी भी छोटा है। इसलिए, आप वास्तव में उन्हें औपचारिक बनाना चाहते हैं।'' कारक बाजार सुधारों में भूमि, श्रम, ऊर्जा और ऋण तक पहुंच आदि शामिल हैं, जो उत्पादन के लिए महत्वपूर्ण हैं।
लेबर रिफॉर्म्स को 2020 में मिल चुकी है मंजूरी
श्रम सुधारों को साल 2020 में संसद से मंजूरी मिल चुकी है, लेकिन इसे लागू नहीं किया जा सका है। पार्क ने कहा कि नियामकीय और कारोबारी सुगमता तथा शुल्क को आसान और कम करके भारत वैश्विक मूल्य श्रृंखला में हिस्सेदारी बढ़ा सकता है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा मानव पूंजी में अधिक निवेश होना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत को इलेक्ट्रॉनिक्स और कपड़ा जैसे सघन विनिर्माण वाले क्षेत्रों में निर्यात बढ़ाने की जरूरत है, जो अब भी बहुत सीमित हैं और एशिया के अन्य अधिक गतिशील हिस्सों की तरह तेजी से नहीं बढ़ रहे हैं। पार्क ने कहा कि दोहरे अंक की वृद्धि हासिल करने के लिए भारत विभिन्न मापदंडों पर अच्छा प्रदर्शन कर रहा है, लेकिन 10 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हासिल करने के लिए बुनियादी ढांचा क्षेत्र और वैश्विक अग्रणी प्रौद्योगिकियों में भारी निवेश की जरूरत होगी।
बीते वित्त वर्ष में GDP ग्रोथ 8% पर पहुंचने का अनुमान
मुख्य आर्थिक सलाहकार वी. अनंत नागेश्वरन ने हाल ही में कहा था कि 31 मार्च 2024 को समाप्त वित्त वर्ष की तीन तिमाहियों में दर्ज की गई मजबूत ग्रोथ के आधार पर वित्त वर्ष 2023-24 में GDP ग्रोथ रेट 8 फीसदी तक पहुंचने की काफी संभावना है। भारत का सकल घरेलू उत्पाद दिसंबर 2023 को समाप्त तीसरी तिमाही में 8.4 प्रतिशत बढ़ा था। दूसरी तिमाही में जीडीपी ग्रोथ 7.6 प्रतिशत रही। जबकि पहली तिमाही में जीडीपी ग्रोथ रेट 7.8 फीसदी थी।