Standard deduction: इस बार का बजट- 2023 बड़े बदलावों के साथ हमारे बीच आया है, इसके साथ ही इस बार के बजट में टैक्सपेयर्स को बड़ी राहत दी गयी है, जहां वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट- 2023 को पेश करते हुये कहा था कि अब 7 लाख से कम आमदनी वाले लोगों को कोई टैक्स नहीं देना, वहीं इसका लाभ नई टैक्स रिजिम चुनने वालों को ही मिलेगा। वहीं नई टैक्स रिजिम में इनकम टैक्स की छूट सीमा 7 लाख हो गयी है, जोकि पहले 5 लाख रुपये थी। बता दें कि पूर्ववत में आयी टैक्स रिजिम में स्टैंडर्ड डिडक्शन और अन्य मदों को शामिल किया गया था, वहीं इसके जरिये लोगों को छूट भी प्रदान की जाती थी। दूसरी ओर स्टैंडर्ड डिडक्शन को नयी टैक्स रिजिम में शामिल नहीं किया गया था, इस बार के बजट-2023 में स्टैंडर्ड डिडक्शन को नयी टैक्स रिजिम में शामिल कर लिया गया है।
क्या है स्टैंडर्ड डिडक्शन?
स्टैंडर्ड डिडक्शन उस कटौती को कहा जाता है, जोकि आयकरदाता की आय से काटकर करके अलग कर दिया है, इसके बाद बची हुई धनराशि पर टैक्स की गणना की जाती है। सन 2018 के बजट से स्टैंडर्ड डिडक्शन की शुरुआत की गयी थी, जिसकी शुरुआती सीमा 40,000 रुपये थी, जिसे बाद में बढ़ाकर 50,000 कर दिया गया था। वहीं स्टैंडर्ड डिडक्शन का एकमात्र उद्देश्य कर्मचारियों को टैक्स छूट देकर उनके हाथ में पैसा देना माना जाता है।
ऐसे होती है गणना, ये उठा सकते हैं लाभ
उदाहरण से इसे समझने का प्रयास करें तो अगर आप ऐसी जगह नौकरी करते हैं, जहां आपकी सालाना आय 8 लाख रुपये है। इसके बाद आपको 50,000 रुपये का स्टैंडर्ड डिडक्शन का लाभ दिया जायेगा तो आपकी आय की गणना 8 लाख की बजाय 7,50000 लाख की जाएगी, वहीं इसी राशि पर आपसे टैक्स लिया जायेगा। दूसरी ओर इसका लाभ वेतनभोगी कर्मचारी और पेंशनर्स उठा सकते हैं, साथ ही फैमली पेंशन पर स्टैंडर्ड डिडक्शन का लाभ देने का प्रावधान नहीं है।
टैक्सपेयर्स के लिये अब ऐसे करेगा काम
बता दें कि मौजूदा समय में इनकम टैक्स स्लैब की संख्या घटाने के बाद 5 कर दी गयी है, जहां हर स्लैब में अलग-अलग % फीसद की दर से टैक्स चुकाना होगा। वहीं ऐसे में स्टैंडर्ड डिडक्शन अपना अहम रोल अदा करेगा, जहां टैक्सपेयर्स नयी टैक्स रिजिम को चुनकर इसका लाभ उठा पायेंगे।