Highlights
- क्रिप्टोकरेंसी से जो आमदनी होती है, हमने उस पर 30% टैक्स लगाया है- वित्त मंत्री
- RBI 2022-23 में ब्लॉकचेन प्रौद्योगिकी आधारित डिजिटल रुपया पेश करेगा
नयी दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को कहा कि क्रिप्टो करेंसी पर विचार-विमर्श जारी है और उसके बाद हम इस पर कायदे-कानून बनाने पर विचार करेंगे। बजट के बाद संवाददाताओं से बातचीत में सीतारमण ने कहा, ‘‘क्रिप्टो करेंसी पर हाल में विचार-विमर्श शुरू किया गया है। इसमें जो निष्कर्ष आता है, उसके आधार पर हम कानून लाने या अन्य किसी प्रस्ताव पर गौर करेंगे।’’
क्रिप्टोकरेंसी को लेकर मीडिया से बात करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि क्रिप्टोकरेंसी से जो आमदनी होती है, हमने उसपर 30 फीसदी का टैक्स लगाया है क्योंकि वो एक तरह की सम्पत्ति (Asset) है। जो डिजिटल करेंसी की बात है, वो आरबीआई जारी करेगी। सीतारमण ने कहा, हम हर ट्रांजैक्शन पर 1% टीडीएस लगाकर उसमें (क्रिप्टो करेंसी) पैसे के हर लेन-देन पर भी नज़र रख रहे हैं। अभी के लिए क्रिप्टो और क्रिप्टो संपत्ति क्या हैं, इस पर कोई चर्चा नहीं हुई।
वित्त मंत्री ने बजट भाषण में कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) वर्ष 2022-23 में ब्लॉकचेन प्रौद्योगिकी आधारित डिजिटल रुपया (Digital Rupee) पेश करेगा। उन्होंने क्रिप्टोकरेंसी और अन्य निजी डिजिटल संपत्तियों पर कराधान को स्पष्ट किया। उन्होंने ऐसी संपत्तियों में लेन-देन पर होने वाले लाभ को लेकर 30 प्रतिशत कर लगाने का प्रस्ताव किया। सीतारमण ने स्पष्ट किया, ‘‘यह कराधान क्रिप्टो करेंसी से जुड़ी गतिविधियों पर लगाया गया है। इसका यह मतलब नहीं है कि इसे कानूनी जामा पहनाया जा रहा है। मुद्रा हर कोई जारी नहीं कर सकता।’’
बजट में रोजगार सृजन से जुड़े सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ‘‘हम लोगों को हुनरमंद बनाकर उनकी क्षमता बढ़ा रहे हैं। ईसीएलजीएस (आपात ऋण सुविधा गारंटी योजना) के तहत गारंटी दायरे को 50,000 करोड़ बढ़ाकर पांच लाख करोड़ रुपये किया जाएगा। साथ ही इसकी समयसीमा बढ़ाकर मार्च, 2023 तक की गई है। अतिरिक्त सहायता विशिष्ट रूप से आतिथ्य और संबंधित उपक्रमों के लिए है। इससे रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।’’ उन्होंने कहा कि बजट में रक्षा खरीद व्यय का 68 प्रतिशत हिस्सा स्थानीय उद्योगों से खरीद के लिए रखा गया है। साथ ही खाद्य प्रसंस्करण पर जोर दिया जा रहा है। इन सबसे रोजगार के अच्छे अवसर सृजित होंगे।
बजट में आम आदमी की राहत से जुड़े सवाल के जवाब में सीतारमण ने कहा, ‘‘सिर्फ कर की दर कम करना ही लाभ नहीं होता। हमने सस्ते मकानों के लिये सस्ते कर्ज का प्रावधान किया। किसानों के लिये किये गये उपाय, स्टार्टअप के लिये प्रावधान, ईसीएलजीएस की समयसीमा बढ़ाने से आम लोगों को भी लाभ होगा।’’ सरकार की उधारी बढ़ने से निजी क्षेत्र के लिये बाजार में कम पैसा बचने से जुड़े सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि बाजार में नकदी की कमी नहीं है और निजी क्षेत्र को उनकी जरूरत के अनुसार कर्ज के लिये पर्याप्त पैसा है।
सीतारमण ने यह भी कहा कि बजट में जो भी बातें हैं, वह वास्तविक धरातल पर है। जो भी अनुमान जताये गये हैं, वे वास्तविक हैं। कच्चे माल की ऊंची कीमत के सवाल पर उन्होंने कहा कि कच्चे माल की कीमत में वृद्धि से सभी विनिर्माण उद्योगों पर असर नहीं पड़ा है, यह केवल धातु उद्योग कुछ हद तक प्रभावित कर रहा है।