Direct Tax: देश का आम बजट- 2023 जल्द ही हम सबके बीच आने वाला है, वहीं 1 फरवरी, 2023 को वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा इसे संसद में पेश किया जाना है। बजट से जुड़े कई टर्म्स को हम आसानी से नहीं समझ पाते हैं, ऐसे में हमारा दिमाग चक्कर खाने लगता है। वैसे बजट से जुड़ी ऐसा ही एक टर्म है डायरेक्ट टैक्स यानी प्रत्यक्ष कर, आज हम आपको इसी के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी देने वाले हैं।
क्या है डायरेक्ट टैक्स (Direct Tax) यानी प्रत्यक्ष कर
प्रत्यक्ष कर या डायरेक्ट टैक्स (Direct Tax) व्यक्ति और संस्थाओं की ओर से की जाने वाली कमाई पर लगाया जाता है, जैसा कि इसका नाम है प्रत्यक्ष कर यानि इस कर का भुगतान सीधे सरकार को होता है। वहीं डायरेक्ट टैक्स (Direct Tax) के अंतर्गत आने वाली देनदारी को कोई भी व्यक्ति या संस्था ट्रांसफर नहीं कर सकती है। सरकार की आय का बड़ा हिस्सा इसी कर के माध्यम से आता है।
इतने प्रकार का होता है डायरेक्ट टैक्स (Direct Tax)
डायरेक्ट टैक्स (Direct Tax) के उदाहरण के तौर पर हम इनकम टैक्स, प्रॉपर्टी टैक्स, कॉरपोरेट टैक्स को ले सकते हैं। डायरेक्ट टैक्स (Direct Tax) मुख्यतः दो प्रकार के होते हैं, जिनमें इनकम टैक्स और कॉरपोरेट टैक्स मुख्य हैं। वहीं इनकम टैक्स को परिभाषित करें तो वह टैक्स जो व्यक्तियों और संस्थाओं की अर्जित आय पर लगता है, उसे इनकम टैक्स कहते हैं। इनकम टैक्स में स्लैब के अनुसार टैक्स लिया जाता है, जहां जिसकी आय जितनी अधिक होती है, उससे उतना अधिक टैक्स लिया जाता है। इसके साथ ही कंपनियों के मुनाफे पर लगने वाले टैक्स को कॉरपोरेट टैक्स कहा जाता है। वहीं कंपनियों के लिये कॉरपोरेट टैक्स इस बात पर निर्भर करता है कि वह घरेलू है या विदेशी। कॉरपोरेट टैक्स के अंतर्गत सरचार्ज और सेस लिया जाता है।
आखिर क्यों लगाया जाता है Direct Tax (डायरेक्ट टैक्स)
बता दें कि डायरेक्ट टैक्स सरकारी खर्च को फंड उपलब्ध कराने के काम आता है। डायरेक्ट टैक्स के जरिये ही देश की अर्थव्यवस्था मजबूत होती है। टैक्स से जुटाये गये फंड का उपयोग सरकार देश के बुनियादी ढांचे, स्वास्थ्य सेवाओं में वृद्धि, शिक्षा क्षेत्र में संस्थाओं को स्थापित करने में करती है।