Tax Deducted at Source (TDS): टीडीएस यानी टैक्स डिडक्टेड ऐट सोर्स के बारे में कई बार आपने सुना होगा, लेकिन शायद ही आपने इसके बारे में कभी जानने की कोशिश की हो। टीडीएस कब काटा जाता है? क्या यह सभी कर्मचारियों पर लागू होता है? सैलरी से कितना प्रतिशत टीडीएस काटा जाता है और इसके रिफंड की प्रक्रिया क्या है? आज हम आपको ऐसे तमाम सवालों के जवाब विस्तार से देने वाले हैं, जिससे आपकी कमाई से काटी गई राशि के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी आपके पास हो।
1. क्या है टीडीएस?
टीडीएस इनकम टैक्स का ही एक दूसरा रूप है। टीडीएस आय के अलग-अलग स्रोतों पर लागू होता है। जैसे- तनख्वा, एफडी या किसी निवेश पर मिलने वाले ब्याज पर सरकार टीडीएस के जरिए टैक्स वसूलती है। हालांकि टीडीएस आय के हर स्रोत पर लागू नहीं होता है। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने इसके लिए कुछ नियम तय किए हुए हैं।
2. किन लोगों पर लागू होता है टीडीएस?
इनकम टैक्स अधिनियम की धारा 192 से 194एल में टीडीएस के तहत आय के स्रोतों की सूची साझा की गई है। इसमें बताया गया है कि टीडीएस कब काटा जाता है। वेतन आय का भुगतान, समय से पहले पीएफ निकालना, एफडी पर मिलने वाले ब्याज, बीमा कंपनी की मैच्योरिटी, लॉटरी में मिलने वाली राशि या हॉर्स रेस जैसे खेलों पर जीते गए जैकपॉट और कुछ सरकारी योजनाओं पर मिलने वाले लाभ पर टीडीएस लागू होता है।
3. सैलरी से कितना प्रतिशत TDS काटा जाता है?
टीडीएस की दरें एक प्रतिशत से शुरू होकर 30 प्रतिशत तक होती हैं। अगर हम सिर्फ सैलरी पर लगने वाले टीडीएस की बात करें तो इनकम स्लैब के अनुसार व्यक्ति की कुल कमाई पर 10 प्रतिशत का टीडीएस लगता है। वहीं, एफडी की मैच्योरिटी पर 10 प्रतिशत तक टीडीएस देना पड़ता है। अगर ग्राहक ने बैंक में अपने पैन कार्ड की जानकारी नहीं दी है उससे 20 प्रतिशत टीडीएस वसूला जाता है।
4. टीडीएस रिफंड की प्रक्रिया क्या है?
आयकर विभाग ने लोगों को टीडीएस रिफंड की सुविधा भी दी गई है। वसूले गए टीडीएस को वापस लेने के लिए आपको इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करना होगा और बैंक में फॉर्म 15जी जमा कराना होगा। इसके बाद बैंक उसकी डिटेल आयकर विभाग को देगा और आयकर विभाग आपके स्टेटस की जांच करेगा। इस तरह टीडीएस में काटी गई राशि आपको छह महीने बाद मिल सकती है। इसकी जानकारी आप ऑनलाइन भी देख सकते हैं।
5. TDS से जुड़ी कौन-कौन सी जानकारी अवश्य होनी चाहिए?
अगर किसी व्यक्ति का टीडीएस कट रहा है तो उसे कुछ खास बातों की जानकारी जरूरी होनी चाहिए। जैसे- संबंधित वित्त वर्ष में काटे गए टीडीएस की दर क्या है। टीडीएस या आईटीआर फाइल करने की अंतिम तारीख, टीडीएस भुगतान की अंतिम तारीख और टीडीएस रिटर्न फाइल की शर्तों के बारे में पता होना जरूरी है।