लोन पर लगने वाली ब्याज को कई बार ग्राहकों के लिए समझना काफी मुश्किल हो जाता है कि आखिर बैंक किस तरीके से लोन की राशि पर ब्याज वसूल रहा है। आज हम अपने इस अर्टिकल में होम लोन, पर्सनल लोन, ऑटो एवं गोल्ड लोन पर ज्यादातर बैंकों द्वारा ब्याज वसूल के लिए लगाए जाने वाले तरीके रिड्यूसिंग बैलेंस मेथड (Reducing balance method) को समझेंगे।
Reducing balance method क्या है?
रिड्यूसिंग बैलेंस के तहत हर किस्त के भुगतान के बाद आपके बचे हुई मूल राशि पर ब्याज लगाई जाती है। इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि जैसे-जैसे आप लोन का भुगतान करते जाते हैं वैसे-वैसे आपका लोन कम होता जाता है और इस कारण आपको कम ब्याज का भुगतान करना होता है।
उदाहरण: अगर आपने 10 लाख रुपये का लोन लिया है और इस पर 10,000 रुपये प्रति महीने की ईएमआई आप चुकाते हैं और महीने दर महीने किस्त चुकाने के साथ आपका लोन कम हो जाएगा और आपको कम ब्याज का भुगतान करना होगा।
रिड्यूसिंग बैलेंस के फायदे
- कम ब्याज: इसका सबसे फायदा यह है कि लोन के भुगतान के साथ मूलधन कम होने से आपको लंबे समय में कम ब्याज चुकाना होता है।
- समय पर भुगतान: इसमें ब्याज का कैलकुलेशन मूल राशि के आधार पर होता है। ऐसे में लोन लेने वाला व्यक्ति भी समय पर किस्त भरने के लिए प्रोत्साहित होता है।
- पारदर्शी: रिड्यूसिंग बैलेंस में किस्त भुगतान करने के साथ ही मूल राशि कम होती जाती है और ब्याज का कम भुगतान करना होता है। इस कारण रिड्यूसिंग बैलेंस को लोन के पारदर्शी तरीकों में से एक माना जाता है।