Google ने ChatGPT के लिए एक 'कोड रेड' जारी किया है, जिसे OpenAI द्वारा बनाया गया है। इस AI चैट बॉट को भविष्य के लिए चिंता का विषय बताया जा रहा है। लॉन्च होने के बाद से इसने इंस्टाग्राम और फेसबुक जैसी कंपनियों को पीछे छोड़ दिया था। यह टेक्नोलॉजी बेहद कम समय में एक बड़ी स्टोरी लिख दे रही है।
सर्च इंजन में बदलाव करने की क्षमता
Google की मूल कंपनी अल्फाबेट के सीईओ सुंदर पिचाई ने कंपनी की AI की रणनीति पर चर्चा करते हुए ChatGPT को खतरनाक बताया है, और मैनेजमेंट को इसके बारे में जानकारी और रिसर्च इकठ्ठा करने को कहा है। Y कॉम्बिनेटर के पूर्व अध्यक्ष सैम ऑल्टमैन द्वारा संचालित इस ChatGPT के पास सर्च इंजन में बदलाव करने की क्षमता है, जिससे गूगल के साथ आने वाली पीढ़ियों को भी नुकसान हो सकता है।
गूगल को होगा नुकसान
गूगल को सबसे अधिक इस बात को लेकर चिंता हो रही है कि अगर यह टेक्नोलॉजी सही तरीके से काम करना शुरू कर देती है तो उसके प्लेटफॉर्म पर रोज पब्लिश हो रहे लाखों कंटेंट में कमी आ जाएगी। इसका असर उससे आने वाले विज्ञापन पर भी पड़ेगा। लोग गूगल पर किसी विषय के बारे में जानकारी लेने के लिए आने से परहेज करेंगे। वह सीधे इस प्लेटफॉर्म से फ्रेश और नई जानकारी ले पाएंगे। जब गूगल के विज्ञापन बिजनेस पर इसका असर पड़ेगा तो उससे जुड़े लाखों लोगों के रोजगार भी संकट में आ जाएंगे।
क्या है ChatGPT?
चैटजीपीटी ने लॉन्च के पांच दिन के बाद ही 1 मिलियन से अधिक यूजर्स तक अपनी पहुंच बना ली थी। इस एआई का काम लाखों वेबसाइटों पर उपलब्ध जानकारी को संशोधित कर और उसे एक आसान भाषा में बदलकर यूजर्स को जवाब देना है। इसकी मदद से किसी विषय पर आर्टिकल लिखा जा सकता है। बशर्ते की उस विषय के बारे में गूगल पर पहले से जानकारी उपलब्ध हो। यह दुनिया के अलग-अलग भाषाओं में काम कर रही है।
यूजर्स चैटबॉट से आप अपने सवाल भी पूछ सकते हैं। भविष्य के बारे में कोई जानकारी हो या हाल-फिलहाल के किसी मुद्दों पर कोई अपडेट लेना हो। वह हर तरह की जानकारियों को आसानी से एआई की मदद से आपतक पहुंचा सकता है। बता दें, कंपनी ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) टूल का यह पहला वर्जन है, जिसे लॉन्च किया गया है।
इससे किसे खतरा?
इस AI तकनीक से सबसे अधिक खतरा आने वाले समय में कंटेट से जुड़े लोगों को होने वाला है। क्योंकि यह फिलहाल कंटेंट को बेहतर ढंग से लिखने की ट्रेनिंग ले रहा है। इसने कुछ भाषाओं पर अपनी कमांड बनानी शुरू कर दी है, जिसमें से एक अंग्रेजी भी है। हिंदी में भी इसने अपनी ठीक कंमांड बना ली है। आपकी सुविधा के लिए हम कुछ स्क्रीनशॉट डाल रहे हैं, जो सवाल ChatGPT से हमने पूछे हैं। और उसका जवाब उसके द्वारा क्या दिया गया है। इसकी सबसे बड़ी खासियत है कि इसके बताए गए जवाबों में प्लेगरिज्म नहीं मिलेगा।
इसे तैयार करने के लिए कौन कर रहा मदद?
चैट जीपीटी की शुरुआत सैम अल्टमैन ने एलन मस्क के साथ मिल कर साल 2015 में की थी। उस समय उसका उद्देश्य एक नन प्रॉफिट कंपनी के रूप में काम करना था। आगे चलकर बिल गेट्स की कंपनी माइक्रोसॉफ्ट ने इसमें निवेश किया और फिर इसका मकसद पैसा कमाने पर चला गया। इसका पूरा नाम जेनेरेटिव प्रीट्रेंड ट्रांसफॉर्मर है। इसे एनएमएस (न्यूरल नेटवर्क बेस्ड मशीन लर्निंग मॉडल) का मॉडर्न रूप भी माना जाता है। इस समय इस कंपनी की वैल्यूएशन 20 बिलियन डॉलर के करीब है।