Budget 2023 Expectation: केंद्रयी वित्त मंत्र निर्मला सीतारमण 1 फरवरी 2023 को अपना अंतिम बजट पेश करने वाली हैं। हेल्थ केयर इंडस्ट्री के लिए इस बजट को बहुत खास माना जा रहा है। कोविड-19 की महामारी के दौरान देश के हेल्थ सेक्टर के हालात किसी से छिपे नहीं हैं। पूरी दुनिया में कोरोना संक्रमण के सबसे ज्यादा मामले भारत में ही दर्ज किए गए थे। इतना ही नहीं, इस महामारी के चलते डेढ़ लाख से भी ज्यादा लोगों ने अपनी जिंदगियां गंवाई थीं। इस लिहाज से हेल्थ केयर सेक्टर में बड़े पैमाने पर सुधार की आवश्यकता है। आइए जानते हैं की हेल्थ सेक्टर के लिए आगामी बजट पर सरकार का मूड कैसा रह सकता है।
दवाएं और जरूरी उपकरणों का प्रोडक्शन
कोरोना की महामारी के दौरान अस्पतालों में दवाओं और ऑक्सीजन सिलेंडर की कमी से देशभर में हड़कंप मचा हुआ था। सरकारी अस्पतालों में बेड की कमी के चलते खाली पड़ी जगहों को मजबूरन आइसोलेश सेंटर में तब्दील करना पड़ा था। मेडिकल उपकरणों की पर्याप्त सुविधा न मिल पाने की वजह कई लोगों ने सड़कों पर ही दम तोड़ दिया था। ऐसे में सरकार नए बजट में दवाओं और जरूरी उपकरणों के प्रोडक्शन को बढ़ाने पर जोर दे सकती है।
हेल्थ इंश्योरेंस
साल 2021 में नीति आयोग द्वारा जारी एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत की कुल आबादी के 40 करोड़ लोग अभी भी किसी वित्तीय सुरक्षा से वंचित है। हालांकि इसे देखते हुए सरकार ने साल 2022 'आयुष्मान भारत- प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत' (ab-pmjay) गरीब तबके के लोगों को लाभ देने का प्रयास किया है। लेकिन अभी भी हेल्थ कवरेज और ab-pmjay के अंतर्गत फाइनेंशियल मॉडल्स को विकसित करने की जरूरत है, ताकि वंचित आबादी को भी इसका लाभ मिल पाए।
हेल्थकेयर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड
माइक्रो, स्मॉल और मीडियम इटरप्राइसेज (MSMEs), स्टार्टअप्स और मेडिकल डिवाइस पार्क कुछ ऐसे क्षेत्र हैं, जिनमें सरकार ने बुनियादी ढांचे को मजबूत बनाने लिए फंड और योजनाओं को स्थापित किया है। पिछले पांच सालों में प्राइवेट सेक्टर में बहुत कम मेडिकल कॉलेजों का निर्माण हुआ है। हाल ही में फीस पर कैंपिंग ने भी निजि क्षेत्र ने भी कॉलेजों के निर्माण को सीमित कर दिया है। ऐसे में केंद्र सरकार Tier-II और Tier-III शहरों के प्रोजेक्ट को जमीन पर छूट और मेडिकल इक्विपमेंट की सब्सिडी जैसी कुछ विशेष छूट दे सकती है।
हेल्थ चेकअप पर टैक्स बेनेफिट
नागरिकों को हेल्थ चेकअप्स के लिए प्रोत्साहित करने के लिए सरकार को बजट 2023 में एक परिवार के लिए चेकअप की डिडक्शन लिमिट को 5,000 रुपये से बढ़ाकर 15,000 तक करना चाहिए।