चीन के सबसे अमीर लोगों की सूची में बाइटडांस के संस्थापक झांग यिमिंग टॉप पर हैं। हालांकि, सूची में शामिल कई लोगों की संपत्ति में पिछले एक साल में गिरावट आई है। हुरुन रिसर्च इंस्टिट्यूट की इस सूची के अनुसार, इस साल सूची में शामिल उद्यमियों की कुल संपत्ति तीन हजार अरब अमेरिकी डॉलर थी, जो पिछले वर्ष की तुलना में 10 प्रतिशत कम है। अमेरिकी डॉलर में शुद्ध संपत्ति (नेटवर्थ) के आधार पर अरबपतियों की संख्या भी 142 घटकर 753 रह गई। हुरुन ने 2021 से अभी तक 1,185 अरबपतियों की गणना की है।
लगातार तीसरे साल आई गिरावट
हुरुन रिपोर्ट के चेयरमैन एवं मुख्य शोधकर्ता रूपर्ट हूगेवेरफ ने कहा, ‘‘लगातार तीसरे साल ‘हुरुन चाइना रिच लिस्ट’ में अभूतपूर्व गिरावट आई है, क्योंकि चीन की अर्थव्यवस्था तथा शेयर बाजारों के लिए यह वर्ष काफी मुश्किलों भरा रहा है।’’ हुरुन के अनुसार, बाइटडांस के झांग 49.3 अरब डॉलर की कुल संपत्ति के साथ इस साल पहली बार सूची में शीर्ष पर हैं। बाइटडांस लोकप्रिय लघु-वीडियो मंच डॉयिन और टिकटॉक की मूल कंपनी है। इसने पिछले साल अपना राजस्व 110 अरब अमरीकी डॉलर तक बढ़ाया। वह हुरुन की सूची में जगह बनाने वाले 1980 के दशक में जन्मे पहले व्यक्ति भी हैं।
दूसरे स्थान पर झोंग शानशान
बोतलबंद पानी ‘नोंगफू स्प्रिंग’ के दिग्गज झोंग शानशान 2024 में 47.9 अरब अमेरिकी डॉलर के साथ दूसरे स्थान पर खिसक गए। फरवरी में उनके ब्रांड ‘नोंगफू स्प्रिंग’ को कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ा। उपभोक्ताओं ने इसकी बोतल के डिजाइन के लिए उस पर चीन से विश्वासघात करने का आरोप लगाया था। इससे ‘नोंगफू स्प्रिंग’ के बाजार मूल्यांकन में अरबों का नुकसान हुआ। सूची में तीसरे स्थान पर टेनसेंट के संस्थापक पोनी मा हैं, जिनकी कुल संपत्ति 44.4 अरब अमेरिकी डॉलर है। इस गेमिंग कंपनी ने अपने राजस्व में वृद्धि की है।
लिस्ट में शामिल हुए सिर्फ 54 नाम
इस साल चीन की अमीरों की सूची में केवल 54 नए नाम शामिल हुए, जो पिछले दो दशक में सबसे कम है। नए नामों में चार्लविन माओ और मिरांडा क्यू फैंग शामिल हैं, जो युवा उपयोगकर्ताओं के बीच लोकप्रिय सोशल मीडिया एवं लाइफस्टाइल मंच ज़ियाओहोंगशू के संस्थापक हैं। कोविड-19 वैश्विक महामारी की वजह से चीन की अर्थव्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हुई। रियल एस्टेट संकट या उतार-चढ़ाव वाले शेयर बाजार की वजह से अर्थव्यवस्था पर असर पड़ा। नीति-निर्माताओं से उम्मीद की जा रही है कि वे खपत व खर्च को बढ़ावा देने के लिए बड़े प्रोत्साहन उपायों की घोषणा करेंगे, जिनमें हाल के महीनों में गिरावट आई है।