अगर आप जिंदगी में ऊंची उड़ान भरना चाहते हैं तो पायलट बनने का सुनहरा मौका है। दरअसल, एविएशन सेक्टर में विकास को देखते हुए उम्मीद है कि भारत को अगले पांच वर्षो में प्रतिवर्ष 1,000 से अधिक पायलटों की जरूरत होगी। यानी आप पायलट की ट्रेनिंग लेकर अपने सपने को ऊंची उड़ान दे सकते हैं। भारत मे पायलट की अगर हम सैलरी की बात करें तो शुरुआती दौर पर 2 लाख रुपये से शुरू होकर 2.5 लाख रुपये तक प्रतिमाह सैलरी एक पायलट को दिया जाता है। हालांकि, विशेषज्ञों ने कहा है कि देश में प्रशिक्षित पायलट तैयार करने के लिए पर्याप्त पायलट प्रशिक्षण बुनियादी ढांचे का अभाव है।
तेजी से बढ़ने वाली है पायलटों की मांग
नागरिक उड्डयन मंत्रालय के अनुसार, वर्ष 2019 के दौरान कुल 744 वाणिज्यिक पायलट लाइसेंस (सीपीएल) जारी किए गए, जो वर्ष 2020 में घटकर 578 रह गए। हालांकि, वर्ष 2021 में यह संख्या बढ़कर 862 हो गई। एक वरिष्ठ पायलट ने कहा, पायलटों की मांग बढ़ने वाली है। हर साल लगभग 200 सेवानिवृत्ति की उम्मीद है, लेकिन, हमारे पास इसके लिए पर्याप्त इंफ्रास्ट्रक्चर नहीं है। इस समय बड़ी संख्या में पायलट दूसरे देशों में प्रशिक्षण प्राप्त करते हैं। यहां आने के बाद उन्हें नियामक द्वारा सीपीएल जारी करने के लिए दिन-रात और क्रॉस कंट्री समेत 20 घंटे की उड़ान से गुजरना पड़ता है। सीपीएल जारी करने में भी कुछ समय लगता है।
एयर इंडिया में विदेशी पायलटों की नियुक्ति की योजना
हाल ही में, एयर इंडिया ने प्लेसमेंट फर्म के माध्यम से बोइंग 777 बेड़े पर अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए विदेशी पायलटों को नियुक्त करने की योजना बनाई और इन पायलटों को बेहतर वेतन, आकर्षक शर्तो और उदार लाभ की पेशकश की जा रही है। अधिकारियों ने कहा कि प्रशिक्षित पायलटों की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए सरकार ने कई पहल की हैं। 2020 में, भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) एक उदार उड़ान प्रशिक्षण संगठन (एफटीओ) नीति लेकर आया। 2021 में, एक प्रतिस्पर्धी बोली प्रक्रिया के बाद, एएआई ने बेलागवी (कर्नाटक), जलगांव (महाराष्ट्र), कलबुर्गी (कर्नाटक), खजुराहो (मध्य प्रदेश) और लीलाबारी (असम) में पांच हवाईअड्डों पर नौ एफटीओ स्लॉट प्रदान किए। 30 जून 2022 तक, इनमें से चार एफटीओ चालू हैं, एक-एक जलगांव और लीलाबाड़ी में, और दो कलबुर्गी में। जून 2022 में, एक प्रतिस्पर्धी बोली प्रक्रिया के बाद, भावनगर (गुजरात), हुबली (कर्नाटक), कडप्पा (आंध्र प्रदेश), किशनगढ़ (राजस्थान) और सलेम (तमिलनाडु) जैसे पांच हवाईअड्डों पर एएआई द्वारा छह और एफटीओ स्लॉट प्रदान किए गए।