Wednesday, January 15, 2025
Advertisement
  1. Hindi News
  2. पैसा
  3. बिज़नेस
  4. बैंकों द्वारा नीलाम होने वाली प्रॉपर्टीज खरीदना चाहते हैं? नहीं रखा यह ध्यान तो लग जाएगा बड़ा चूना

बैंकों द्वारा नीलाम होने वाली प्रॉपर्टीज खरीदना चाहते हैं? नहीं रखा यह ध्यान तो लग जाएगा बड़ा चूना

कुछ मामलों में प्रॉपर्टी का टाइटल पूरी तरह से क्लीयर नहीं रहता है। उदाहरण के लिए अगर प्रॉपर्टी से जुड़े कानूनी विवाद या स्वामित्व के मुद्दे हैं, तो नए खरीदार को नीलामी के माध्यम से प्रॉपर्टी खरीदने के बाद भी लंबी कानूनी लड़ाई का सामना करना पड़ सकता है।

Written By: Pawan Jayaswal
Published : Dec 09, 2024 6:00 IST, Updated : Dec 09, 2024 6:00 IST
बैंक प्रॉपर्टी नीलामी
Photo:FILE बैंक प्रॉपर्टी नीलामी

अगर आप प्रॉपर्टी की बढ़ती कीमतों से परेशान हैं, तो बैंक ऑक्शन के जरिए कम कीमत में घर खरीद सकते हैं। बैंक नीलामी के माध्यम से प्रॉपर्टी खरीदना आपको एक काफी बढ़िया डील समझ आ रही होगी, लेकिन इसमें भी काफी रिस्क और चुनौतियां होती हैं। खरीदारों को यह ध्यान देने की जरूरत है कि वे लीगल और फाइनेंशियल इश्यूज से बचते हुए डील करें। आज हम आपको बताएंगे कि बैंक ऑक्शन से खरीदी गई प्रॉपर्टीज में क्या-क्या समस्याएं आ सकती हैं।

नीलामी में प्रॉपर्टी खरीदने के फायदे

बैंक नीलामी में प्रॉपर्टी खरीदने का सबसे प्रमुख फायदा यह है कि हमें अच्छा खासा डिस्काउंट मिल जाता है। बैंक नीलामी की प्रॉपर्टीज में मार्केट रेट्स से 10 से 30 फीसदी डिस्काउंट मिल जाता है। SARFAESI गाइडलाइन्स के तहत होने वाली नीलामी प्रक्रिया आमतौर पर पारदर्शी होती हैं। बोलीदाताओं को नियम, शर्तों और पात्रता के बारे में आमतौर पर एडवांस में बताया जाता है। नीलामी प्रक्रिया पूरी होने के बाद खरीदार को दूसरी प्रॉपर्टीज की तुलना में यहां जल्द कब्जा मिल जाता है। बैंक नीलामी में प्रॉपर्टीज आमतौर पर बैंकों द्वारा कर्जदारों की बकाया रकम की वसूली के लिए बेची जाती हैं। जब कर्ज लेने वाले अपना लोन चुकाने में असमर्थ हो जाते हैं, तो बैंक प्रॉपर्टी को जब्त करते नीलामी करा देता है। यह एक कानूनी प्रक्रिया के तहत होता है।

क्या बैंक नीलामी में प्रॉपर्टी खरीदना सेफ है?

प्रॉपर्टी टाइटल में अस्पष्टता : कुछ मामलों में प्रॉपर्टी का टाइटल पूरी तरह से क्लीयर नहीं रहता है। उदाहरण के लिए अगर प्रॉपर्टी से जुड़े कानूनी विवाद या स्वामित्व के मुद्दे हैं, तो नए खरीदार को नीलामी के माध्यम से प्रॉपर्टी खरीदने के बाद भी लंबी कानूनी लड़ाई का सामना करना पड़ सकता है।

बकाया और देनदारी : बैंक नीलामी में बेची गई सभी प्रॉपर्टीज वित्तीय देनदारियों से मुक्त नहीं होती हैं। अक्सर प्रॉपर्टीज बकाया प्रॉपर्टी टैक्स, मेंटेनेंस फीस या यूटिलिटी बिल्स के साथ आती हैं, जिनका पेमेंट नए मालिक को करना पड़ता है।

कब्जा मिलने में देरी : कई बार प्रॉपर्टी पर कब्जा प्राप्त करना चुनौतिपूर्ण हो सकता है, अगर पिछला मालिक प्रॉपर्टी खाली करने के लिए राजी नहीं हो। कानूनी स्वामित्व नीलामी विजेता को ट्रांसफर होने के बावजूद इस अधिकार को लागू करने में समय और अतिरिक्त कानूनी हस्तक्षेप लग सकता है।

फिजिकल इन्सपेक्शन का नहीं होना : कुछ मामलों में खरीदारों को बोली लगाने से पहले प्रॉपर्टी का फिजिकल इन्सपेक्शन करने की अनुमति नहीं होती है। इससे प्रॉपर्टी की स्थिति, हिडन डेमेजेज या अवैध रुप से रहने वालों से जुड़ी समस्याएं आ सकती हैं, जिनका बोली के समय खुलासा नहीं किया गया हो।

Latest Business News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Business News in Hindi के लिए क्लिक करें पैसा सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement