टेलीकॉम कंपनी वोडाफोन आइडिया लिमिटेड ने समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) बकाए पर राहत के लिए सरकार का दरवाजा खटखटाया है। कर्ज में डूबी इस कंपनी के एक बड़े अधिकारी ने बीते सोमवार को कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने वैधानिक बकाए की गणना में सुधार, जुर्माना और ब्याज माफ करने की उसकी क्यूरेटिव याचिका को खारिज कर दिया है। पीटीआई की खबर के मुताबिक, कंपनी का एजीआर बकाया करीब 70,000 करोड़ रुपये है।
वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों के साथ बातचीत जारी
खबर के मुताबिक, 4जी और 5जी टेलीकॉम गियर की सप्लाई के लिए नोकिया, एरिक्सन और सैमसंग को दिए गए 30,000 करोड़ रुपये के करार पर कंपनी के निवेशक कॉल के दौरान, वीआईएल के चेयरमैन रविंदर टक्कर ने कहा कि कंपनी अदालत के फैसले से पहले और उसके बाद भी वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों के साथ बातचीत कर रही है। टक्कर ने कहा कि हालांकि उम्मीद थी कि अदालतें स्पष्ट रूप से याचिका पर विचार करेंगी, लेकिन तथ्य यह है कि अदालत ने ऐसा नहीं किया है, इसका मतलब है कि कार्रवाई और जिम्मेदारी, कुछ मायनों में, पूरी तरह से सरकार के पास है। सरकार ने तब से हमसे एक व्यापक दृष्टिकोण तैयार करने के लिए कहा है कि हम इस चुनौती से निपटने के लिए सही तंत्र और अनुरोध क्या कर सकते हैं।
किसकी कितनी हिस्सेदारी
सरकार के पास वोडाफोन आइडिया लिमिटेड में 23.2 प्रतिशत हिस्सेदारी है, जबकि प्रमोटरों - आदित्य बिड़ला समूह और वोडाफोन - के पास कंपनी में 37.3 प्रतिशत हिस्सेदारी है। टककर ने कहा कि सरकार के साथ एक स्पष्ट समझ है कि वोडाफोन आइडिया लिमिटेड को ऐसा कुछ नहीं देना चाहिए जो गणना त्रुटि का परिणाम हो। हम उन अनुरोधों को एक साथ रखने की प्रक्रिया में हैं। हम आने वाले दिनों में उन अनुरोधों पर सरकार के साथ फिर से बातचीत करेंगे। टक्कर ने कहा कि हम सरकार के साथ आगे भी बातचीत करने की उम्मीद करते हैं और उनके साथ मिलकर काम करने और इस चुनौती का समाधान खोजने के लिए तत्पर हैं।
वोडाफोन आइडिया का भुगतान दायित्व
30 जून, 2024 तक सरकार को वोडाफोन आइडिया लिमिटेड का भुगतान दायित्व 2,09,520 करोड़ रुपये था, जिसमें 1,39,200 करोड़ रुपये के स्थगित स्पेक्ट्रम भुगतान दायित्व और 70,320 करोड़ रुपये की AGR देनदारी शामिल है। वोडाफोन आइडिया लिमिटेड के सीईओ अक्षय मूंदड़ा ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने कंपनी द्वारा त्रुटियों और मांगों को ठीक करने और जुर्माना और ब्याज माफ करने के लिए दायर की गई क्यूरेटिव याचिका को खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के अनुसार, याचिका क्यूरेटिव याचिकाओं को स्वीकार करने के लिए निर्धारित मानदंडों को पूरा नहीं करती है।
डिवाइस सप्लाई के लिए की है बड़ी डील
वीआईएल ने नोकिया, एरिक्सन और सैमसंग को तीन साल के लिए 4जी और 5जी दूरसंचार नेटवर्क उपकरण आपूर्ति करने के लिए करीब 30,000 करोड़ रुपये का अनुबंध दिया है। कंपनी ने नेटवर्क विस्तार के लिए 50,000-55,000 करोड़ रुपये निर्धारित किए हैं। वीआईएल ने कहा कि वह शुरुआत में हाल ही में जुटाए गए 24,000 करोड़ रुपये से पूंजीगत व्यय जुटाएगी और बाकी के लिए वह बैंकों के साथ बातचीत कर रही है।