Vivo in big trouble: राजस्व आसूचना निदेशालय (डीआरआई) ने स्मार्टफोन कंपनी वीवो इंडिया द्वारा लगभग 2,217 करोड़ रुपये की सीमा शुल्क चोरी का पता लगाया है। वित्त मंत्रालय ने बुधवार को यह जानकारी दी। मंत्रालय ने बताया कि जांच के दौरान डीआरआई के अधिकारियों ने चीन की वीवो कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी की अनुषंगी वीवो इंडिया के संयंत्र की तलाशी ली थी। इस दौरान अधिकारियों को मोबाइल फोन के निर्माण में उपयोग के लिए आयातित कुछ वस्तुओं के विवरण में जानबूझकर गलत जानकारी देने का संकेत देने वाले आपत्तिजनक सबूत मिले है। बयान में कहा गया कि इस गलत जानकारी के आधार पर वीवो इंडिया ने 2,217 करोड़ रुपये की अनुचित शुल्क छूट लाभ का गलत लाभ उठाया है।
कारण बताओ नोटिस जारी किया
मंत्रालय के अनुसार, जांच पूरी होने के बाद वीवो इंडिया को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया गया है। नोटिस में सीमा शुल्क अधिनियम, 1962 के प्रावधानों के तहत कंपनी को 2,217 करोड़ करोड़ रुपये का सीमा शुल्क भरने के लिए कहा गया है। वहीं, वीवो इंडिया ने अपनी अलग-अलग सीमा शुल्क देनदारी के लिए स्वेच्छा से 60 करोड़ रुपये जमा किये हैं। उल्लेखनीय है कि डीआरआई ने हाल में मोबाइल फोन कंपनी ओप्पो को कुल 4,389 करोड़ रुपये का सीमा शुल्क चुकाने के लिए नोटिस जारी किया है।
केवल आर्थिक अपराध नहीं
कुछ दिन पहले प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दिल्ली उच्च न्यायालय को बताया कि चीन की स्मार्टफोन कंपनी वीवो का मामला केवल आर्थिक अपराध नहीं है, बल्कि यह देश की वित्तीय प्रणाली को अस्थिर करने और राष्ट्र की अखंडता तथा संप्रभुता पर भी खतरा पैदा करने का प्रयास है। जांच एजेंसी ने अदालत के समक्ष एक हलफनामे में दावा किया कि ईडी द्वारा जब्त वीवो के बैंक खातों से पता चलता है कि कंपनी धन शोधन (मनी लांड्रिंग) में शामिल है। ईडी ने आरोप लगाया कि कंपनी ‘धन शोधन’ के अपराध में शामिल है जो एक जघन्य आर्थिक अपराध है। न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा के निर्देशों के अनुसरण में दायर हलफनामे में ईडी की तरफ से यह दावा किया गया है।